नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 – कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रदर्शनकारियों को शाहीन बाग में प्रदर्शन-स्थल से हटाने की मांग की लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई होगी, लेकिन इस बीच जनता कर्फ्यू के बीच शाहीन बाग इलाके से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है।
यहां नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ तीन महीने से भी ज्यादा समय से धरना-प्रदर्शन कर रहे लोगों ने प्रदर्शन स्थल पर पेट्रोल बम फेंकने का आरोप लगाया है। शाहीन बाग प्रदर्शन स्थल पर जनता कर्फ्यू के दिन रविवार को केवल 4-5 महिलाएं ही बैठी हुई हैं। इन लोगों का कहना है कि रविवार को धरनास्थल के समीप पेट्रोल बम फेंका गया है। बैरिकेड के पास प्लास्टिक के एक बोतल में कुछ विस्फोटक सामान भी बरामद किया गया है। विशेष पुलिस आयुक्त ने कहा है कि कोई बड़ी घटना नहीं हुई है।
मालूम हो कि पिछले दिनों कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि कहीं भी किसी भी हालत में 50 लोगों से ज्यादा लोगों को एक साथ इकट्ठा होने की इजाजत नहीं दी जाएगी, चाहे वो प्रदर्शन हो या कुछ और। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने दक्षिण पूर्वी दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट को 18 मार्च को पत्र लिखकर कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर शाहीन बाग प्रदर्शन स्थल पर लोगों के एकत्रित होने के संबंध में एक रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
इधर…जामिया प्रदर्शन स्थल पर भी फायरिंग का आरोप
जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में मौजूद कुछ लोगों ने दावा किया है गेट नंबर 7 पर स्थित प्रोटेस्ट साइट पर कुछ लोगों ने फायरिंग कर के पेट्रोल बम फेंका है। प्रोटेस्ट साइट पर अभी भी कांच के टुकड़े पड़े हुए हैं। चश्मदीदों ने बताया कि फायरिंग की आवाज़ सुनी गई, जब वे वहां आए देखा तो उन्होंने फायरिंग का धुआं देखा। दो लोग पल्सर बाइक से आए थे। हालांकि पुलिस सूत्रों का कहना है कि जामिया प्रदर्शन स्थल पर ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।