कोरोना की कहर से किसानों को बचाने की तैयारी शुरू, बैंक अकाउंट में सीधे पैसे देने पर हो रहा विचार


corona

नई दिल्ली :एन पी न्यूज 24  – कोरोना का कहर किसानों पर पड़ता दिख रहा है। किसानों की आमदनी घट रही है। इस बीच केंद्र सरकार किसानों को इस समस्या से बाहर निकालने की रणनीति बना रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना की वजह से फल, अनाज और चीनी जैसे उत्पादों का निर्यात बेहद धीमा हो गया है। एक अख़बार में छपी खबर के मुताबिक, सरकार जल्द ही निर्यात के लिए अलग-अलग उत्पादों के लिए तय कोटा बढ़ा सकती है साथ ही किसानों को राहत देते हुए उनके खाते में सीधे रकम ट्रांसफर करने की रणनीति पर भी विचार हो रहा है।

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, देश के तमाम निर्यात ऑर्डर जो काफी पहले से बुक कर दिए गए थे उन्हें अब फिलहाल रोक दिया गया है। ऐसे में आने वाले दिनों में जरूरत न होने पर या फिर बाजार में नया माल आना शुरू हो जाने से पुराने ऑर्डर रद्द हो जाने की आशंका है। ऐसे में सरकार से जल्द उन कारोबारियों को राहत देने का ऐलान किए जाने की मांग हो रही है।

चीनी के कारोबारियों की चिंता –
कोरोना की वजह से देश में सामाजिक जमावड़े, शादी, पार्टियां टलने और कुछ शहरों में मॉल मल्टीप्लेक्स बंद होने से मीठे पेय पदार्थों और चीनी का इस्तेमाल घटा है। इसका असर न सिर्फ घरेलू चीनी बाजार और दामों पर पड़ा है बल्कि एक्सपोर्ट भी गिरना शुरू हो गया है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में फरवरी महीने में 425 डॉलर प्रति टन निर्यात होने वाली चीनी अब 350 डॉलर प्रति टन के करीब पहुंच गई है। वहीं देश में मिल से निर्यात होने वाली चीनी में भी 300-400 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट देखी गई है।

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएश यानी आईएसएमए के निदेशक जनरल अबिनाश वर्मा ने के मुताबिक, देश में जनवरी और फरवरी महीने में निर्यात अच्छा रहा है और कंपनियों को मुनाफा भी हुआ लेकिन मार्च महीने में दुनियाभर में कोरोना संकट के चलते एक्सपोर्ट 25 फीसदी गिर गया।

किसानों की बढ़ सकती है मुस्किले –
चीनी के अलावा सोयाबीन, फल, मक्का, चावल, कपास और जूट का भी भारत बड़ा निर्यातक है। तमाम देशों की सीमाएं दूसरे देशों के लिए बंद हो जाने के चलते दुनिया के बाजारों में बिक्री घटने लगी है। किसानों और कृषि उत्पादों के कारोबारियों को आशंका है कि आने वाले दिनों में ये ऑर्डर रद्द हो जाएंगे जिससे ये माल घरेलू बाजार में बेचना पड़ेगा। ऐसा होने पर सीधा असर किसानों की होने वाली कमाई पर होगा।

कृषि मामलों के जानकार दुर्गेश शर्मा के मुताबिक चीनी कारोबार में सुस्ती का असर लंबे समय तक चल सकता है। ऐसे में कंपनियों को नुकसान हुआ तो उसका सीधा असर किसानों के उपर पड़ेगा। ऐसे में सरकार को जल्द से जल्द ऐसे कदम उठाने चाहिए जिनसे इस असर को कम किया जा सके। सरकार किसानों के खाते में सीधे सब्सिडी देकर या फिर कंपनियों को इंसेंटिव देकर इस असर को कम कर सकती है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *