पुणे/पिंपरी।एन पी न्यूज 24 – कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकारी संस्थाओं से लेकर प्राइवेट कंपनियां तक एहतियाती कदम उठा रही हैं। राज्य सरकार से लेकर जिला प्रशासन ने वर्क फ्रॉम होम की नीति पर कड़ाई से अमलबाजी करने के आदेश दिए हैं। इसके अनुसार अधिकतर कंपनियों ने जहां अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा दे दी है, वहीं कुछ कंपनियां ऑफिस में स्टाफ सीमित कर रही हैं। इस बीच पुणे के जिलाधिकारी ने चेतावनी जारी की है कि वर्क फ्रॉम होम की अमलबाजी न करनेवाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यही नहीं उन्होंने पुलिस प्रशासन को कंपनियों की जांच के आदेश भी दिये हैं।
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असल में जिलाधिकारी को कुछ आईटी प्रफेशनल्स की शिकायत मिली थी कि सरकार और प्रशासन के आदेश के बावजूद उनकी कंपनियां उन्हें ऑफिस आने पर मजबूर कर रही हैं। हिंजवड़ी में स्थित एक मल्टीनैशनल कंपनी में काम करने वाले प्रफेशनल ने कहा, जब हम बीमार होते हैं, तो कंपनी घर से काम करने के लिए कहती है। मगर कोरोना के प्रकोप के बीच वे चाहते हैं कि हम ऑफिस आकर काम करें।कोथरुड के एक 40 वर्षीय प्रफेशनल ने भी जब वर्क फ्रॉम होम की सुविधा लेने की कोशिश की तो मैनेजमेंट ने इनकार कर दिया। उन्होंने बताया, ‘जब हमने वर्क फ्रॉम होम के लिए कहा तो हमसे कहा गया कि हमारा वेतन कट जाएगा।
इस तरह की शिकायतें जब जिला प्रशासन के पास पहुंचीं तो जिलाधिकारी ने एक बैठक की। बैठक के बाद कलेक्टर ने सभी निजी कंपनियों को आदेश जारी दिए कि वे पांच से अधिक कर्मचारियों को एक साथ ऑफिसों में काम करने के लिए न कहें। उन्होंने कहा, हमने पहले ही महामारी रोग अधिनियम लागू कर दिया है। इसके तहत सभी निजी कंपनियों को आदेश जारी किए गए हैं कि कार्यालय में एक समय में पांच से अधिक लोगों के होने पर प्रतिबंध है। उन्हें इसका पालन करना होगा। यदि कोई कंपनी इस आदेश का उल्लंघन करती है, तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।