अंततः पालकमंत्री अजीत पवार ने ली पुणे की सुध


ajit pawa
पुणे। एन पी न्यूज 24  – वैश्विक महामारी कोरोना का सबसे ज्यादा संक्रमण पुणे जिले खासकर पिंपरी चिंचवड़ और पुणे शहरों में हुआ है। जिले इसके संक्रमित मरीजों की संख्या 21 तक पहुंच गई है, जिसमें अकेले पिंपरी चिंचवड़ के 12 मरीज शामिल हैं। कुल मिलाकर पूरे जिले में कोरोना ने हाहाकार मचा रखा है, मगर जिले के पालकमंत्री रहे उपमुख्यमंत्री अजीत पवार पुणे से नदारद रहे। उनकी गैरमौजूदगी सियासी गलियारों में काफी खलती रही। इन हालातों में आखिरकार उन्होंने पुणे की सुध के ही ली। शुक्रवार को उन्होंने जिलाधिकारी कार्यालय में कोरोना की पृष्ठभूमि पर पहली प्रेस कांफ्रेंस भी की।
आज शाम संवाददाताओं से की गई बातचीत में उन्होंने पुणे और पिंपरी चिंचवड़ शहर बंदी को लेकर बड़ी बात कही। उन्होंने संकेत दिए कि बंदी का आदेश 31 मार्च तक नहीं बल्कि उसके बाद भी सरकार के अगले आदेश आने तक लागू रहेगा। उन्होंने राज्य में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताते हुए कहा कि, राज्य में इस बीमारी के मरीजों का आंकड़ा 52 तक जा पहुंचा है। एहतियात के तौर पर राज्य सरकार ने जीवनावश्यक सेवाओं को छोड़ मुंबई महानगर प्रदेश सहित नागपुर, पुणे, पिंपरी चिंचवड की सभी दुकानें और कार्यालय बंद करने का फैसला किया है।
यद्यपि बंदी का यह आदेश 31 मार्च तक के लिए कहा गया है मगर इसे सरकार के अगले आदेश आने तक अमल में लाया जाएगा। यह स्पष्ट करते हुए उपमुख्यमंत्री पवार ने कहा कि, शादी समारोह, अंतिम संस्कार के समय भीड़ न जुटाएं। शादियों में दोनों पक्ष के 25 लोग ही मौजूद रहे। बंदी के आदेश पर व्यापारी वर्ग कड़ाई से अमल करें। दिहाड़ी काम करनेवाले मजदूरों को उनके मालिकों द्वारा वेतन दिया जाना चाहिए, उन्होंने यह भी कहा कि, सरकार मुंबई, पुणे और पिंपरी चिंचवड की सार्वजनिक यातायात व्यवस्था बंद करने का विचार भी कर रही है। लोगों की भीड़ बढ़ने पर पुणे और पिंपरी चिंचवड़ में पीएमपीएमएल की मिनी बसें शुरू करनी पड़ेगी।
आनेवाले 15 दिन काफी महत्वपूर्ण हैं, इसमें नागरिकों का सहयोग मिलना बेहद जरूरी है। ग्रामीण इलाकों में भी अस्पताल तैयार रखने के आदेश दिए गए हैं। पुणे के संभागीय आयुक्त और जिलाधिकारी को कोरोना का फैलाव रोकने के लिए खरीदी के अधिकार प्रदान किये गए हैं। केंद्र सरकार से निधि मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी, इसमें राज्य सरकार सक्षम है। निधि की कमी महसूस नहीं होने दी जाएगी, यह भी उन्होंने स्पष्ट किया। निजी कंपनियों को यह ध्यान में रखना चाहिए कि आर्थिक नुकसान से अहम है लोगों की जान बचना। पवार ने कोरोना के संदिग्ध मरीजों से अपील की है कि वे अस्पताल से भागे नहीं बल्कि डॉक्टरों का कहना माने

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *