नई दिल्ली : –एन पी न्यूज 24 – कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है। लोग घरों में रहने को मजबूर है। ज्यादातर ऑफिस वर्क फ्रॉम होम का फार्मूला अपना चुके है। भारत समेत पूरी दुनिया में इस वक़्त अर्थव्यवस्था पर असर भी पड़ रहा है। ऐसे में कई एक्सपर्ट का कहना है कि इस स्थिति में यूनिवर्सल बेसिक इनकम (यूबीआई ) या फ्री कैश गीवअवेस शुरू करने का सबसे सही वक्त है, ताकि जो लोग प्रभावित हो रहे हैं उनकी मदद हो सके।
While we firefight to contain #COVID2019 outbreak, it is also critical to look at the economic disruptions. We are in the midst of a slowdown but (1) must put fiscal concerns aside to develop an #UBI type support for those affected (to stem further decline in demand) 1/n
— Prof. Shamika Ravi (@ShamikaRavi) March 17, 2020
ऐसे कई अर्थशास्त्रियों का मानना है कि सरकार यूबीआई से इस वक्त लाखों वर्कर्स की मदद कर सकती है, जो कोरोना की वजह से बिना तनख्वाह के होम आइसोलेशन में रहने को मजबूर हैं। यूबीआई किसी राज्य में प्रत्येक वयस्क के लिए बिना शर्त नियमित पेमेंट का एक ऑप्शन है। जिन लोगों ने इस अवधारणा का समर्थन किया है, उनमें प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के पूर्व सदस्य और ब्रुकिंग्स इंडिया के अनुसंधान निदेशक शमिका रवि भी शामिल हैं।
ब्रुकिंग्स इंडिया के अनुसंधान निदेशक शमिका रवि ने किया ट्वीट –
शमिका ने मंगलवार को एक ट्वीट के जरिए कहा कि भारत में यूनिवर्सल बेसिक इनकम के कंसेप्ट पर काम करने का ये बिल्कुल सही वक्त है। शमिका ने लिखा है कि ‘हम एक मंदी के बीच में हैं। ऐसे में हमें राजकोषीय चिंताओं को दरकिनार रखते हुए मंदी से प्रभावित लोगों के लिए यूबीआई को शुरू करना चाहिए।’
क्या है UBI?
लंदन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर Guy Standing ने गरीबी हटाने के लिये अमीर-गरीब, सबको एक निश्चित अंतराल पर तयशुदा रकम देने का विचार पेश किया था। उनके विचार के तहत इस योजना का लाभ लेने के लिये किसी भी व्यक्ति को अपनी कमज़ोर सामाजिक-आर्थिक स्थिति अथवा बेरोज़गारी का सबूत देने की ज़रूरत नहीं पड़नी चाहिये। ऐसे में कह सकते हैं कि UBI देश के प्रत्येक नागरिक को एक निश्चित समयांतराल पर दिया जाने वाला बिना शर्त नकद हस्तांतरण है।
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