निर्भया के दोषियों में फांसी के पहले की छटपटाहट और तेज, जानिए पैंतरे से

अब मुकेश ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को दिल्ली हाइकोर्ट में दी चुनौती

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 नई दिल्ली. एन पी न्यूज 24 – जैसे-जैसे फांसी की तिथि करीब आती जा रहा है, निर्भया कांड के दोषियों में बचने की छटपटाहट और तेज होती जा रहा है। दिल्ली गैंगरेप के दोषियों में से एक मुकेश ने दिल्ली उच्च न्यायालय में ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उसकी मौत की सजा को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी गई थी। याचिका में दावा किया गया था कि जब बलात्कार हुआ था तब वह दिल्ली में नहीं था। नि:संदेह इक्कीसवीं सदी में हिंदुस्तान को झकझोर देने वाला बलात्कार का सबसे ऐतिहासिक मामला अपने अंतिम निष्कर्ष की ओर बढ़ता सा नज़र आ रहा है। ‘निर्भया’ की कहानी एक ऐसी कहानी है जिसकी स्मृति भारतीय जनमानस के पटल पर आने वाले कई सालों तक ज़िंदा रहेगी। साथ ही, इस घटना के बाद भारतीय क़ानून व्यवस्था में स्त्रियों के पक्ष में आए तमाम बदवालों की वजह से भी ये मामला हमेशा याद दिया जाएगा।
इसके पहले मांगी थी इच्छामृत्यु : निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में फांसी की सजा पाने वाले चार दोषियों के परिवारवालों ने बीते रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी। दोषियों के परिवार ने हिन्दी में राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा है कि हम आपसे (राष्ट्रपति) और पीड़िता के माता-पिता से अनुरोध करते हैं कि वे हमारे अनुरोध को स्वीकार करें और हमें इच्छामृत्यु की अनुमति दें।  इच्छामृत्यु मांगने वालों में दोषियों के बुजुर्ग माता-पिता, भाई-बहन और उनके बच्चे शामिल हैं।

तलाक लेने की चाल:  चार दोषियों में एक अक्षय ठाकुर की फांसी से पहले उसकी पत्नी पुनीता देवी ने औरंगाबाद फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दाखिल की है। अक्षय बिहार के औरंगाबाद जिले का रहने वाला है। प्रधान न्यायाधीश रामलाल शर्मा की अदालत में अक्षय ठाकुर की पत्नी ने तलाक के लिए मुकदमा दाखिल करते हुए कहा कि उसके पति रेप के केस में सजायाफ्ता हुए हैं और उन्हें फांसी दी जानी है। वह नहीं चाहती है कि वह उनकी विधवा कहलाए। हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 13 (2) (कक) के तहत यह मुकदमा किया गया है। इस मामले की सुनवाई के लिए 19 मार्च की तिथि तय की गई है। परिवार न्यायालय में वाद संख्या 58/20 पर अब अगली तिथि को सुनवाई होगी। ख़ारिज हुई दया याचिकायों के एक चक्र के बाद अब दिसंबर 2012 के निर्भया कांड में दोषी सिद्ध हुए मुकेश कुमार, पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार को फांसी होना लगभग तय है.

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