गूगल, फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट, लिंक्डइन, ट्विटर और रेडिट पहली बार एक साथ, जानते हैं क्यों… 

कोरोना से छिड़ी है दुनिया भर में लंबी लड़ाई,  

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नई दिल्ली. एन पी न्यूज 24 – कोरोना वायरस को लेकर जितने संजीदा इसके खिलाफ में खड़े लोग हैं, उससे कहीं ज्यादा चुस्कियां लेने वाले भी हैं। अनाप-शनाप कुछ भी सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा है। इसके खिलाफ उपरोक्त सभी कंपनियों ने हाथ मिलाया है। कोरोना से संबंधित फेक न्यूज को लेकर गूगल, फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट, लिंक्डइन, ट्विटर और रेडिट ने एक ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी की है, जिसमें कोरोना वायरस (COVID-19) को लेकर कड़े कदम उठाने की बात कही गई है। इस ज्वाइंट स्टेटमेंट में कम्पनियों ने कहा है कि हम अन्य कम्पनियों को भी इन्वाइट करते हैं ताकि अपनी कम्यूनिटी को सेफ और हेल्थी रखा जा सके। दरअसल, सोशल मीडिया पर बहुत सी गलत जानकारियां तेजी से फैल रही हैं। ऐसे में सभी मुख्य टैक्नोलॉजी कम्पनियां इनके खिलाफ एक साथ खड़ी हो गई हैं। आपको बता दें कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के डायरेक्टर जनरल ने पिछले महीने कहा था कि गलत जानकारियां भी COVID-19 जितनी ही खतरनाक हैं। सोशल मीडिया पर लगातार भ्रामक जानकारियां शेयर हो रही हैं इसी लिए अब  कम्गपनियां गलत आर्टिकल्स को बैन करने लगी हैं।  फेसबुक, गूगल, लिंक्डइन, माइक्रोसॉफ्ट, रेडिट, ट्विटर और यूट्यूब ने कहा है कि हम कोरोना वायरस को लेकर फैल रही गलत खबरों पर नजदीक से काम कर रहे हैं। इसके अलावा हम अपने प्लैटफोर्म्स पर मिस इनफॉर्मेशन और फ्रॉड रोकने को लेकर भी यत्न कर रहे हैं। कम्पनियां सरकार की हेल्थ केयर एजेंसियों के साथ मिलकर उनके साथ क्रिटिकल अपडेट्स भी शेयर कर रही हैं।
कोरोना वायरस को लेकर तरह-तरह की अफवाह सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। उनमें से कुछ अफवाहों की पड़ताल की गई, तो पाया गया कि ये फेक न्यूज हैं. आइए जानते हैं सोशल मीडिया में कोरोना को लेकर कौन-कौन सी फेक न्यूज चल रही हैं-

शराब पीने वालों को कोरोना वायरस नहीं होगा : कहा जा रहा है कि शराब पीने वाले लोगों पर कोरोना वायरस का असर नहीं होता है. इस तरह की खबरें सोशल मीडिया पर खूब चल रही हैं। ईटी की गूगल सर्टिफाइड टीम ने इन तथ्यों की पड़ताल की। पाया कि इस तरह का कोई सर्कुलर या सलाह भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय या विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से नहीं दी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना से बचाव को लेकर जारी की गई गाइडलाइंस में अल्कोहल का जिक्र तो किया है, लेकिन कहीं ये नहीं लिखा कि शराब पीने से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है।

कोरोना वायरस की दवा बाजार में : सोशल मीडिया में चल रहे मैसेज में कहा गया है कि कोरोना वायरस होम्योपैथिक दवा आर्सेनिक एलबम 30 से नियंत्रित किया जा सकता है। पड़ताल में पाया गया कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यह दवा खाने से कोरोना वायरस का इलाज हो सकता है। इसके लिए ईटी ने गूगल की फैक्ट चेक टीम में शामिल लोगों से इसकी सच्चाई जानने की कोशिश की। वहां भी इस बात की पुष्टि हुई कि यह फेक न्यूज है।

लहसुन से इलाज का दावा कितना सही?
सोशल मीडिया में शेयर किये जा रहे संदेशों में लहसुन से कोरोना वायरस के इलाज का दावा किया जा रहा है, जबकि विश्व स्वास्थय संगठन या दुनिया की कोई भी एजेंसी ने अब तक इस बात का दावा नहीं किया है कि कोरोना वायरस को लेकर कोई टीका इजाद हुआ है। इसकी कोई दवा भी बाजार में नहीं आई है। इस बारे में डब्ल्यूएचओ के ट्वीट में कहा गया है कि यह फेक न्यूज है। लहसुन से वायरस के इलाज के कोई भी पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं।

अंडा, चिकन और मछली से होता है कोरोना :  किसी भी सरकारी या निजी संस्था ने यह दावा नहीं किया है अंडा, मछली या चिकेन खाने से कोरोना वायरस होता है।

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