कोरोना वायरस पर बड़ा फैसला : जहां होगी मौत, नजदीक ही करना पड़ेगा अंतिम संस्कार, गाइडलाइन जारी

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नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24  – कोरोना वायरस का असर अब भारत के हर सेक्टर में दिखने लगा है। चाहे वो स्कूल, कॉलेज, सिनेमाघर, मार्किट, मॉल, मंदिर सब कुछ कोरोना की वजह से प्रभावित हुए है। इस बीच और एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल सरकार ने अंतिम संस्कार व पोस्टमार्टम पर नया गाइडलाइन जारी कर दिया है। जिसके मुताबिक, कोरोना के चलते मरीज की मौत होने के बाद उसका अंतिम संस्कार भी वहीं करना होगा।

कोरोना वायरस से अब तक देश में तीन मरीजों की मौत हो चुकी है। जबकि 139 पॉजिटिव मरीज पाए गए है। कुछ दिन पहले दिल्ली में महिला मरीज की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार को लेकर सामने आई कठिनाई के बाद सरकार ने अंतिम संस्कार व पोस्टमार्टम पर गाइडलाइन जारी की है। मृतक के परिजनों की भावना का सम्मान करते हुए उनकी काउंसलिंग के जरिए उन्हें बताया जाएगा कि सुरक्षा के लिहाज से ये कदम उठाना जरूरी हैं। इस गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि शव लेपन (एम्बामिंग) नहीं होगी। इसके कारण शव को ज्यादा दूर तक नहीं ले जाया सकता।

सरकार ने जारी की गाइडलाइन –

1. वायरस के चलते अगर मरीज की मौत होती है तो उसका अंतिम संस्कार आसपास ही करना होगा। इसके अलावा कुछ विशेष मामलों को छोड़ अन्य में पोस्टमार्टम की अनिवार्यता नहीं होगी। अगर किसी स्थिति में पोस्टमार्टम करना पड़ता है तो शवगृह में पूरी सफाई का विशेष ध्यान रखा जाएगा। पीपीई सहित तमाम सुरक्षा उपायों की पालना करते हुए फॉरेसिंक डॉक्टर पोस्टमार्टम करेंगे। जानकारी के मुताबिक, शवों के अंतिम संस्कार को लेकर इन दिशा निर्देशों को सभी राज्य में भेजा जा चुका है। शवों के अंतिम संस्कार से संक्रमण नहीं फैलता है लेकिन इसके लिए एहतियात बरतना बेहद जरूरी है।

2. अगर कोरोना संक्रमित मरीज की अस्पताल के वार्ड में मौत होती है तो कर्मचारियों को हैंड हाइजनिंग, सुरक्षा उपकरण, संक्रमण को रोकने वाला बैग इत्यादि . का ध्यान रखा जाएगा। सभी ट्यूब, कैथेटर इत्यादि को शरीर से निकाला जाएगा और उपचार के दौरान किए गए पंक्चरों को बंद किया जाएगा। ट्यूब, कैथेटर को जैविक कचरा प्रबंधन के तहत नष्ट किया जाएगा।

3.  तरल पदार्थ को रोकने के लिए नाक व मुंह को अच्छे से बंद किया जाएगा। 1 फीसदी हाइपोक्लोराइट रसायन से सफाई की जाएगी। अगर परिजन अंतिम दर्शन करना चाहते हैंतो शव को बैग में पैक करने से पहले पूरी सुरक्षा के तहत ही अनुमति दी जाएगी।

4.  संक्रमित शव को मोर्चरी में कम से कम 4 डिग्री सेल्सियस तापमान में रखना जरूरी होगा। सभी कर्मचारी व डॉक्टर सुरक्षा के निर्धारित पैमाने का पालन करेंगे। शव पर एम्बामिंग यानि लेपन नहीं किया जाएगा। अंतिम संस्कार के लिए शव को लेजाने में स्टाफ के कर्मचारियों को संक्रमण का खतरा नहीं है। हालांकि उन्हें सुरक्षा के सभी मानकों का पालना करना जरूरी है। साथ ही बाद में संबंधित वाहन को संक्रमण मुक्त करना भी जरूरी है। सर्जिकल मास्क व ग्लब्स इत्यादि के जरिए कर्मचारी अपना बचाव कर सकते हैं।

5.  संक्रमित मरीज के अंतिम संस्कार से पहले एक बार परिजन या उसके रिश्तेदार अंतिम दर्शन कर सकते हैं। इसके लिए स्टाफ के कर्मचारी बैग के ऊपरी सिरे की चेन को खोल दर्शन करा सकते हैं। हालांकि इस दौरान दूरी बनाए रखना जरूरी होगा। साथ ही कर्मचारियों के हाथ व मुंह पूरी तरह सुरक्षित हों। अंतिम संस्कार के लिए ज्यादा लोगों की भीड़ नहीं होनी चाहिए। अंतिम संस्कार के बाद कर्मचारियों और रिश्तेदारों को हाथों की सफाई करनी होगी।

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