नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 – बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना के नियमों में कुछ बदलाव किये है। नए नियमों के तहत अगर तय समय से पहली किसी सुकन्या अकाउंट को बंद कर दिया जाता है तो इसकी इजाजत है। बच्ची को किसी गंभीर बीमारी या माता-पिता की मृत्यु की स्थिति में सुकन्या अकाउंट बंद किया जा सकता है।
सुकन्या समृद्धि योजना सबसे बेहतर निवेश योजना माना जाती है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि यह एक सरकारी स्कीम है और इसमें बेहतर रिटर्न भी मिलता है। इसके अलावा 10 साल से कम उम्र की बच्ची के लिए उच्च शिक्षा और शादी के लिए बचत करने के लिहाज से यह एक अच्छी निवेश योजना है। इस स्कीम में कई बदलाव हुए हैं। 12 दिसंबर 2019 के एक नोटिफिकेशन में इस बारे में बताया गया है। वित्त मंत्रालय ने इस बारे में बताया है।
हुए ये बदलाव –
सुकन्या योजना के नए नियमों में अगर आप किसी वित्त वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये की रकम जमा नहीं भी कर पाते हैं तब भी इसे डिफॉल्ट अकाउंट ही माना जायेगा। नए नियम के मुताबिक डिफॉल्ट अकाउंट में जमा रकम पर भी वहीं ब्याज मिलेगा जो नियमित अकाउंट पर मिलता है। नए नियमों के मुताबिक सुकन्या अकाउंट बच्ची के 18 साल का होने तक नहीं चलाया जा सकता।
अगर आप दो बेटी से अधिक के लिए सुकन्या अकाउंट खोल रहे हैं तो उनके बर्थ सर्टिफिकेट के साथ एक एफ्फिडेविट भी देने की जरूरत है। पुराने नियम में अभिभावक को मेडिकल सर्टिफिकेट देना पड़ता था।
नए नियम में गलती से जमा ब्याज को वापस लेने से रोका गया है। अब सुकन्या अकाउंट में हर वित्त वर्ष के आखिर में ब्याज दिया जायेगा