कोरोना वायरस से बचे : गाड़ी के हैंडल, दरवाजों पर 9 दिन तक जिंदा रह सकता है कोरोना


corona virus

नई दिल्ली : .एन पी न्यूज 24  – कोरोना वायरस को लेकर कई अलग-अलग दावे किये जा रहे है। इस बीच एक चौकाने वाली बात सामने आई है। एक रिसर्च के मुताबिक, वुहान से दुनियाभर में फैला यह वायरस दरवाजों और गाड़ियों के हैंडल में रहकर लोगों को अपना शिकार बना सकता है। कोरोना वायरस 9 दिन तक किसी सतह से दूसरे व्यक्ति को अपना शिकार बना सकता है। जबकि साधारण फ्लू केवल 2 दिन तक ही जिंदा रहता है।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जर्मनी की रूह्र यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ ग्रीफ्सवाल्ड के एक्सपर्ट्स ने कोरोना वायरस पर की गई 22 स्टडी के डेटा को स्टडी किया जिसके बाद यह सामने आया कि कोरोना वायरस ग्लास, प्लास्टिक, लकड़ी और धातु से बनी वस्तुओं पर काफी समय तक जिंदा रह सकता है। फ्लू की तरह ही यह किसी भी वस्तु पर 4 डिग्री या उससे कम तापमान में एक महीने तक जिंदा रह सकता है। हालांकि, 30 डिग्री से ज्यादा तापमान में इसका सर्वाइवल रेट (जीवित रहने की क्षमता) घट जाता है। कोरोना वायरस को डिसइंफेक्टेंट से खत्म किया जा सकता है। जहां अल्कोहल इसे एक मिनट में खत्म कर सकता है, वहीं ब्लीच इसे खत्म करने में 30 सेकंड लेता है। अभी यह साफ नहीं है कि किसी के किसी वस्तु पर मौजूद कोरोना वायरस इंसान के हाथ में पहुंचने में कितना समय लेता है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इससे बचने के लिए लोगों को लगातार अल्कोहल के हैंडवॉश से हाथ धोने चाहिए।

इससे पहले चीनी अफसरों ने कोरोना वायरस को लेकर एक बेहद डरावना खुलासा किया है। खुलासे में कहा गया है कि कोरोना वायरस हवा से लोगों में फैलता है। यही वजह है कि सिंगापुर में प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे कोरोना वायरस की चपेट में आने से बचने के लिए एयर कंडीशनर (AC) का इस्तेमाल ना करते हुए पंखे का उपयोग करें। डॉ टेड्रोस का कहना है कि यह तो केवल अभी शुरुआत है क्योंकि अभी हमें इस भयानक महामारी का खतरनाक रूप देखना बाकी है। पूरी दुनिया को इसके लिए सतर्क रहने की जरूरत हैं। साथ ही अपनी तैयारी पूरी रखनी चाहिए।

क्योंकि हमें नहीं पता कि इसे कैसे रोकेंगे? उन्होंने कहा कि जितनी गति से यह कोरोना वायरस फैल रहा है, उसे संभाल पाना मुश्किल हो रहा है। क्योंकि अब कई देशों में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के छोटे-छोटे मामले आ रहे हैं। अब इन्हीं छोटे-छोटे मामलों से ज्यादा लोग संक्रमित हो जाएंगे। हालांकि, अभी इसकी गति धीमी है लेकिन यह कभी भी रफ्तार पकड़ सकती है।


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