भारतीय ज्योतिष ने बताया कि कब समाप्त होगा कोरोना वायरस का प्रकोप, सूर्य का मेष राशि में आना बेहद जरुरी 

0
नई दिल्ली, 16 मार्च एन पी न्यूज 24 – भारतीय ज्योतिष में राहू और शनि को एक घातक माना जाता है।  इसकी वजह से कोरोना से जुड़े रोग फैला है. मकर राशि में शनि के अस्तित्व के कारण इन रोगों का प्रादुर्भाव बढ़ेगा। जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेगा तब कोरोना का अंत संभव है।  ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूर्य 14 अप्रैल 2020 को मेष राशि में प्रवेश करेगा। भारत की कुंडली के अनुसार वृषभ राशि की कुंडली में शनि चंद्र में जा रहा है।
संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी के ज्योतिष शास्त्र के ज्ञाता दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री के अनुसार फ़िलहाल राहु उच्च कुम्भ राशि में  जा रहा है जो भारत की कुंडली के लिए खास है।  इस कालपुरुष की कुंडली में मुँह, नाक, कान, गले को घातक माना जाता है।  राहु लग्न और शुक्र के छटे भाव के साथ शनि के साथ तृतीयस्थ है. तीसरे भाव से सांस, दमा, खांसी, खराश, सांस से जुड़े रोग का जन्म होगा।
यह विषाणु हवा के जरिये फैलता है और ऑक्सीजन का कारण चंद्र है. चंद्र खुद की राशि में है. इसका थोड़ा परिणाम पड़ रहा है. लेकिन जब 30 जून को वृहस्पति देवता अपने पास की राशि में संक्रमण करेगा तो इसका प्रभाव बढ़ेगा। भारत की कुंडली में गुरु छठे स्थान पर है. इसे रोग और शत्रु का कारक माना जाता है।  शनि की बात करे तो 24 जनवरी से खुद  के मकर राशि में पहले से मौजूद है और अब 22 मार्च को मंगल मकर रही में संक्रमण करेगा। मंगल को सेनापति माना जाता है।  शनि को सामर्थ्य और न्याय का घटक माना जाता है।
मकर पृथ्वी राशि है इसका स्वामी शनि है।  मंगल के प्रतिकूल व्यवहार के कारण इसका पृथ्वी पर इसका परिणाम होगा। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अप्रैल में कोरोना का प्रभाव कमी होने की शुरुआत होगी और वर्ष के मध्य में यह समाप्त होगा।
Leave A Reply

Your email address will not be published.