नया राजनीतिक धमाल…पुष्पम प्रिया ने नीतिश के गढ़ में कहा-बिहार का बुरा हाल
पार्टी के लोगो में इरादे साफ-बेमतलब की पॉलिटिक्स छोड़ो, प्लूरल्स से जुड़ो ताकि 2020 में बिहार दौड़ सके, उड़ सके।
पटना. –एन पी न्यूज 24- इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से सियासत शुरू हो गई है। अचानक पुष्पम प्रिया चौधरी की घोषणाओं ने वहां की राजनीति में हंगामा मचा दिया है। लिहाजा सबसे पहले ये जानना जरूरी हो गया है कि पुष्पम प्रिया आखिर हैं कौन? तो आइए, हम बताते हैं कि वह कौन हैं।
लंदन से पढ़ाई की है
जदयू के पूर्व एमएलसी विनोद चौधरी की बेटी हैं पुष्पम प्रिया। दरभंगा की रहने वाली पुष्पम प्रिया ने लंदन से पढ़ाई की है।पिछले हफ्ते बिहार के सभी अखबारों में एक विज्ञापन देकर खुद की नई पार्टी बनाने का ऐलान किया था और खुद को सीएम पद का चेहरा घोषित किया था। जब उनके पिता को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने कहा कि पुष्पम प्रिया ने बेहतर कदम उठाया है, वो इस कदम का स्वागत और समर्थन करते हैं। इसके बाद पुष्पम प्रिया ने पिछले हफ्ते ‘प्लूरल्स’ नाम के एक राजनीतिक दल के गठन का ऐलान किया और खुद को प्रदेश के मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित कर दिया।
जनसंपर्क अभियान शुरू
शनिवार को पुष्पम प्रिया ने जनसंपर्क अभियान की शुरुआत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा से की और जनसंपर्क अभियान की शुरुआत करने के दौरान पुष्पम प्रिया चौधरी ने फेसबुक पर लिखा, उनकी पार्टी ‘प्लूरल्स’ की योजना बहुत स्पष्ट है – अंतर्राष्ट्रीय ज्ञान और जमीनी अनुभव की साझेदारी ताकि कृषि क्रांति, औद्योगिक क्रांति और नगरीय क्रांति की नई कहानी लिखी जा सके।
बदलेंगी इतिहास और भूगोल
अपने जनसंपर्क अभियान के दौरान पुष्पम प्रिया चौधरी ने कहा- बिहार में बुरा हाल है। किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं। वह कृषि उद्यमी सुमंत कुमार के घर पहुंचीं और उन्हें अपनी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई। सुमंत कुमार से मिलने के बाद उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि वह सुमंत कुमार जैसे कृषि उद्यमियों के साथ मिलकर बिहार की कृषि व्यवस्था का इतिहास और भूगोल बदलेंगी।
पार्टी के लोगो में पंखों वाले घोड़े
लंदन के मशहूर लंदन स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स से इन्होंने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री ली है। प्लूरल्स पार्टी की प्रेसिडेंट हैं। पुष्पम एक प्रोग्रेसिव बिहार यानी बढ़ते हुए बिहार की बात कर रही हैं। इनकी पार्टी का जो लोगो है वो सफ़ेद घोड़े का है जिसपर पंख लगे हैं। ग्रीक मिथक में इसे पेगासस के नाम से जाना जाता है। ये घोड़ा ज़मीन पर दौड़ने के साथ-साथ आसमान में उड़ भी सकता था। इसे शक्ति और तीव्रता का प्रतीक माना गया है। जो लाइनें पुष्पम ने अपनी पार्टी के लिए इस्तेमाल की हैं, उनमें भी गति और उड़ने का ज़िक्र आता है। बिहार को गति चाहिए, बिहार को पंख चाहिए, बिहार को बदलाव चाहिए. क्योंकि बिहार को बेहतर मिलना चाहिए और बेहतर संभव है। बेमतलब की पॉलिटिक्स छोड़ो, प्लूरल्स से जुड़ो ताकि 2020 में बिहार दौड़ सके, उड़ सके।
पार्टी उसका समर्थन नहीं करेगी
पुष्पम के पिता विनोद चौधरी नीतीश के करीबी हैं। पुष्पम का सीएम कैंडिडेट बनकर चुनाव में खड़े होना सीधे-सीधे नीतीश को चुनौती देना है। पिता विनोद चौधरी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वो बालिग है और पढ़ी-लिखी भी है। ये उसका फैसला है। अगर वो पार्टी की टॉप लीडरशिप को चुनौती देगी तो जाहिर है कि पार्टी उसका समर्थन नहीं करेगी।