नई दिल्ली.एन पी न्यूज 24 – कोरोना वायरस के असर पर कंफेडरेशन ऑफ इंडस्ट्री (सीआईआई) ने भी एक स्टडी की है. उस स्टडी के मुताबिक भारत के टूरिज्म इंडस्ट्री पर आने वाले कई महीने भारी पड़ने वाले हैं। सरकार ने अगर वीजा संबंधी अपने निर्णय पर 10 दिन में दोबारा विचार नहीं किया तो कम से कम 8500 करोड़ रुपए का नुक़सान होगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक टूरिज्म इंडस्ट्री में अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 तक 28 अरब डॉलर के रेवेन्यू जेनरेट करने का अनुमान था, जिस पर कोरोना की वजह से 60 से 65 फीसदी असर पड़ने की उम्मीद है। सीआईआई का अनुमान है कि इस साल मार्च तक 80 फीसदी होटल की बुकिंग कैंसिल की जा चुकी है। सीआईआई का दावा है कि हर साल अप्रैल से सितंबर के महीने में विदेशों में बसे भारतीय भी अपने परिवार से मिलने भारत आते हैं, इस बार कोरोना की वजह से वो भी डरे सहमे है. कई भारतीय अपने टूर कैंसल करा रहे हैं। दरअसल, टूरिज्म एक ऐसी इंडस्ट्री है जिससे केवल होटल, गाड़ी और टूरिस्ट गाइड ही रोजगार के लिए नहीं जुड़े होते, बल्कि कई ऐसे लोग रोज़ी रोटी के लिए जुड़े होते हैं जो बस एक सीज़न के लिए काम करते हैं। इसमें केरल के बोट वाले, कश्मीर के शिकारे वाले से लेकर डांस पार्टी में हिस्सा लेने वाले डांसर भी शामिल होते हैं।
एक ग़ैर सरकारी आकलन के मुताबिक़ आगरा के पर्यटन उद्योग को पिछले दस दिनों में 25 करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ है। यही हाल तिरुपति बालाजी का भी है. आंकड़ों के मुताबिक फरवरी मार्च के महीने में अमूमन 60 हजार से 70 हजार लोग दर्शन के लिए आते हैं। पिछले तीन दिनों में ये संख्या घट कर 50 हजार के आस पास हो गई है।