बुलेट प्रुफ मंदिर में होंगे रामलला…

-भक्तों से भगवान की दूरी तो घट जाएगी, लेकिन बीच में कांच का दीवार रहेगा

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-बम-बारूद अथवा प्राकृतिक आपदाएं भी रामलला का कुछ नहीं बिगाड़ सकेंगी। 
अयोध्या. एन पी न्यूज 24
श्री रामजन्म भूमि में अब श्री राम नए स्थान पर विराजेंगे। इसके लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मानस मंदिर के पास नए ढांचे का निर्माण कर रहा है। यह पूरी तरह से बुलेटप्रूफ कांच से बना होगा। रामलला की प्रतिमा के चारों ओर भी बुलेटप्रूफ कांच लगाए जाएंगे, जिस पर किसी भी प्रकार के प्रहार से आंच नहीं आएगी। बम-बारूद अथवा प्राकृतिक आपदाएं भी रामलला का कुछ नहीं बिगाड़ सकेंगी। फिलहाल दर्शक 52 फिट की दूरी से रामलला के दर्शन करते हैं। लेकिन, शिफ्टिंग के बाद दूरी 25 फिट रह जाएगी। मंदिर के पास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होगी और एक्सरे मशीनें लगाई जाएंगीं। श्रद्धालुओं के लिए क्लॉक रूम की सुविधा भी होगी। इसके साथ ही उम्रदराज श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रबंध किए जाएंगे। इंजीनियर्स मंदिर के साइट के बारे में अपनी तकनीकी रिपोर्ट 25 मार्च को ट्रस्ट को सौंप सकते हैं। ट्रस्ट की दूसरी बैठक रामनवमी के बाद 4 अप्रैल को अयोध्या में ही होगी। अयोध्या जाने वाले श्रद्धालु भी 25 मार्च से रामलला का पास से दर्शन कर सकेंगे।  बता दें कि राम जन्मभूमि परिसर की 70 एकड़ जमीन का निरीक्षण करने के बाद ट्रस्ट के सदस्यों ने होमवर्क शुरू कर दिया है। पहला चरण अब रामलला को टाट के मंदिर से फाइबर के बुलेट प्रूफ मंदिर में शिफ्ट करने को लेकर है। रामलला को शिफ्ट करने के लिए कोलकाता से 5 फीट लंबा-चौड़ा फाइवर का मंदिर आ रहा है। बता दें कि शिल्पी चंद्रकांत सोमपुरा ने 1987 में विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल के कहने पर राम मंदिर का मॉडल तैयार किया था. विहिप मॉडल के मुताबिक राम मंदिर के निर्माण में करीब 1.75 लाख घन फुट पत्थरों की जरूरत होगी।

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