कोरोना को पछाड़ने वाले ने कहा-  दुनिया में रहना है, तो खुद को दुनिया से कुछ दिन के लिए अलग कर लें

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नई दिल्ली.एन पी न्यूज 24 – पहले दिन गले में खराश और काफी सिर दर्द,  सूखी खांसी हुई लेकिन सांस लेने में कोई तकलीफ नहीं हुई। फेफड़ों में कोई असमान्यता नहीं थी। दूसरे दिन भी खराश, खांसी, लेकिन सिर दर्द कम हुआ, सांस या सीने में कोई तकलीफ नहीं हुई। धीरे-धीरे दिन निकलता रहा और मैं कोरोना से लड़ती रही-अकेले, खुद को दुनिया से अलग किया या यों कहें मैं दुनिया से अलग हो गई। यह उस महिला की बातें हैं, जो कोरोना संक्रमण को परास्त कर अब पूरी तरह ठीक हो गई है। वायरस से जूझकर स्वस्थ हुईं चीन की ली पोंग झिंग ने ट्वीटर पर लिखा- ‘कोई भी बड़ी आसानी से इसकी चपेट में आ सकता है। मैं किसी के घर में एक पार्टी में गई थी। वहां किसी को खांसी या बुखार नहीं था। बाद में पता चला कि पार्टी में आने वाले 40% लोग तीन दिन के भीतर बीमार हो गए। हालांकि मैं पहले भी कई बार हाथ धोती रही हूं, पर मेरी नजर में इससे बचने का असरदार तरीका मनुष्यों के संपर्क में आने से ही बचना है। इसके लक्षण सिर दर्द, बुखार, दर्द व थकान के रूप में दिखते हैं, जो शरीर और उम्र पर भी निर्भर करते हैं, पर जिस तरह से कोरोना वायरस के मामले दिनोंदिन बढ़ रहे हैं, ऐसे में उसमें और आम फ्लू व जुकाम के बीच अंतर समझना बेहद जरूरी है। करीब 13 दिन हो गए हैं और पिछले 72 घंटे से बुखार कम है। स्वास्थ्य विभाग, लक्षण शुरू होने के बाद करीब 7 दिन या बुखार कम होने के बाद 72 घंटे अलग रहने की सलाह दे रहे हैं। इसलिए अब मैं अलग नहीं रह रही। पर, भीड़ में जाने से बच रही हूं। मैं हॉस्पिटल में दाखिल नहीं हुई। डॉक्टर सबको दाखिल नहीं कर रहे हैं। इसके फैलने का बड़ा कारण जांच की कमी है, जिससे लोग इसे सामान्य बुखार या फ्लू की तरह मान रहे हैं, जो इस वायरस को फैला रहा है। सांस संबंधी मेरे लक्षण ज्यादा न बिगड़ने के और दो कारण हो सकते हैं। मैं नियमित नेजल स्प्रे इस्तेमाल कर रही थी और जल नेति भी। इससे साइनस साफ रहा और फेफड़ों तक असर नहीं हुआ

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