महिलाओं का ज्ञान कौशल बढ़ाने के लिए 21 करोड़ होंगे खर्च

स्थायी समिति के नए सभापति ने बदला पुराने सभापति का फैसला

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राष्ट्रवादी कांग्रेस के पूर्व विधायक विलास लांडे ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
पिंपरीएन पी न्यूज 24- भाजपा के सत्ता में आने के बाद से पिंपरी चिंचवड मनपा की स्थायी समिति के नए सभापति द्वारा पुराने सभापति के फैसलों को बदलने की परंपरा सी शुरू हो गई है। नवनिर्वाचित सभापति संतोष लोंढे ने अपनी पहली ही सभा में पंडित दिनदयाल उपाध्याय महिला ज्ञान कौशल वृद्धि कार्यक्रम के अंतगर्त महिलाओं को विविध व्यवसायिक प्रशिक्षण देने संबंधी पुराने सभापति विलास मडिगेरी के फैसले को बदल दिया। 21 करोड़ रुपए की लागत से महिलाओं को प्रशिक्षण का काम पहले चैम्प नामक संस्था को दिया गया था जिसे अब बिना टेंडर प्रक्रिया के ही अखिल भारतीय स्थानीय स्वायत्त संस्था को सौंपने का फैसला किया गया है।
शहर की महिलाओं में स्वरोजगार निर्मिति की स्फूर्ति बढाने के लिए मनपा की महिला व बालकल्याण योजना के तहत 2020-2021 इस वित्त वर्ष से पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से विविध 21 प्रकार के व्यवसायिक प्रशिक्षण देने वाली योजना शुरू की गई है। तत्कालीन स्थायी समिति सभापति विलास मडिगेरी ने एक सभा में प्रशिक्षण देने का काम भाजपा के नेता से संबंधित चैम्प नामक संस्था को सौंपने का प्रस्ताव पारित किया था। उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद भाजपा शहराध्यक्ष व विधायक महेश लांडगे गुट के संतोष लोंढे नए सभापति चुने गए। उन्होंने अपनी पहली ही सभा में उक्त प्रस्ताव को रदद्र कर चैम्प की बजाय बिना टेंडर के ही अखिल भारतीय स्थानीय स्वायत्त संस्था को देने का प्रस्ताव पारित किया। यह प्रस्ताव महिला बालकल्याण समिति की सिफारिश के अनुसार पारित किए जाने का स्पष्टीकरण उन्होंने दिया है।
पूर्व विधायक विलास लांडे का पुरजोर विरोध
बहरहाल बिना टेंडर प्रक्रिया के 21 करोड़ रुपए के खर्च के उक्त प्रस्ताव का राष्ट्रवादी कांग्रेस के भूतपूर्व विधायक विलास लांडे ने पुरजोर विरोध किया है। मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर को सौंपे एक ज्ञापन में उन्होंने टेंडर प्रक्रिया से प्रशिक्षण देने वाली संस्था नियुक्त करने की मांग की है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया है कि मनपा में सत्तादल भाजपा द्वारा मनपा की तिजोरी लूटने और करोड़ों का भ्रष्टाचार करने के उद्देश्य से मनमानी की जा रही है, इसकी रोकथाम के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से भी गुहार लगाई है। यह प्रस्ताव रदद् न करने की सूरत में अदालत का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी भी उन्होंने दी है।
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