श्रेय विवाद में उलझा औंध- कालेवाडी पुल

भाजपा ने किया जल्दबाजी में लोकार्पण; प्राधिकरण ने तत्काल किया बन्द

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पिंपरी – एन पी न्यूज 24 – राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस के बीच छिड़ी घमासान से पिंपरी चिंचवड़ शहर भी अछूता नहीं रहा है। इस घमासान के चलते पिंपरी चिंचवड़ नवनगर विकास प्राधिकरण द्वारा जगताप डेरी साई चौक से होकर जाने वाला औंध- कालेवाडी पुल श्रेय विवाद में उलझकर रह गया है। सोमवार को मनपा के सत्तादल भाजपा ने जल्दबाजी मचाते हुए इस पुल का लोकार्पण कर दिया। जबकि इसका समारोह जिले के पालकमंत्री रहे राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की मौजूदगी में होना था। राष्ट्रवादी कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि श्रेय लेने के लिए भाजपा ने यह जल्दबाजी मचाई है। बहरहाल लोकार्पण के दूसरे ही दिन प्राधिकरण ने मिट्टी का मलबा डालकर इस पुल की यातायात बंद कर दी।
पिंपरी चिंचवड नवनगर विकास प्राधिकरण की ओर से जगताप डेरी के साईं चौक औंध से कालेवाडी तक  700 मीटर लंबा और 8 मीटर चौड़ा पुल का निर्माण किया है। इसका निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। हालांकि पिंपरी चिंचवड़ मनपा के सत्तादल भाजपा ने बीते दिन जल्दबाजी मचाते हुए महापौर ऊषा ढोरे के हाथों इस पुल का लोकार्पण कर दिया। इस मौके पर सभागृह नेता नामदेव ढाके, स्थायी समिति की भूतपूर्व सभापति ममता गायकवाड, नगरसेवक संदीप कस्पटे, शत्रुघ्न काटे, नगरसेविका आरती चौंधे, निर्मला कुटे, पूर्व नगरसेवक विनायक गायकवाड, वाकड फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष सुरेश राजे, सेक्रेटरी के.सी.गर आदि मौजूद थे। पालकमंत्री से समय नहीं मिल रहा था और ट्रैफिक की समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिए इसका लोकार्पण जरूरी था, यह तर्क भाजपा की ओर से दिया गया।
हालांकि विपक्षी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस ने इसे श्रेय विवाद बताकर भाजपा की निंदा की विपक्षी दल के नेता नाना काटे ने कहा कि, इस पुल का काम अभी पूरा नहीं हुआ है। इसके निर्माण का मलबा नहीं हटाया गया, वायरिंग खुले में हैं, न ही गड्ढे पाटे गए हैं। ऐसे में केवल श्रेय लेने के लिए भाजपा ने इसका लोकार्पण कर दिया। अगर ऐसे में यहां कोई हादसा हो जाता है तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी? यह सवाल भी उन्होंने उठाया है। बहरहाल मंगलवार को पिंपरी चिंचवड़ नवनगर विकास प्राधिकरण ने इस पुल पर की यातायात को बंद करवा दिया। इसके लिए पुल के दोनों तरफ मिट्टी का मलबा डाल दिया गया है। प्राधिकरण प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस पुल का निर्माण कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है। इसका निर्माण कार्य अंतिम चरण में है, बचे हुए काम युद्ध स्तर पर पूरे किए जा रहे हैं।
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