नई दिल्ली एन पी न्यूज 24 – भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (सीपीआईएम) के महासचिव सीताराम येचुरी तीसरी बार राज्यसभा नहीं जाएंगे, क्योंकि पार्टी की केंद्रीय समिति ने पश्चिम बंगाल से कांग्रेस के समर्थन से उन्हें उच्च सदन में भेजने की मांग को रद्द कर दिया है। इसलिए सीताराम युचेरी फिर राज्यसभा जा पाएंगे या नहीं? यह एक बड़ा सवाल बन गया है, क्योंकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (CPI-M) में इस मुद्दे पर फिर मतभेद उभर आए हैं। सूत्रों ने बताया कि 6 मार्च को राजधानी दिल्ली में पोलित ब्यूरो की बैठक में आधे सदस्य ही शामिल हुए। बताया जा रहा है कि पूर्व महासचिव प्रकाश करात के नेतृत्व वाला धड़ा एक सीट के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन को तैयार नहीं है। पश्चिम बंगाल में सीपीएम के 26 विधायक हैं, लेकिन राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 46 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता है। वैसे कांग्रेस का कहना है कि सीपीआईएम येचुरी को उम्मीदवार बनाती है तो कांग्रेस समर्थन कर सकती है। बता दें कि येचुरी के साथ पश्चिम बंगाल के पांच सांसदों का राज्यसभा कार्यकाल 18 अगस्त को खत्म हो रहा है। राज्यसभा की छह सीटों के लिए आठ अगस्त को चुनाव होने हैं जिसमें से तृणमूल कांग्रेस आसानी से पांच सीटें जीत सकती है। वहीं छठी सीट के लिए सीपीआई के पास बंगाल विधानसभा में विधायकों की पर्याप्त संख्या नहीं है। बता दें कि पोलित ब्यूरो (पीबी) दो बार येचुरी को राज्यसभा भेजने के प्रस्ताव को रद्द कर चुकी है। बंगाल के नेताओं का तर्क है कि यदि वह इस मौके का फायदा नहीं उठाते हैं तो पार्टी का उच्च सदन में पश्चिम बंगाल से कोई प्रतिनिधित्व नहीं रह जाएगा।
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