नागपुर मनपा आयुक्त ने कर्मचारियों से यह क्या कह दिया, जींस पैंट नहीं चलेगा, समय पर आना होगा -अब शत-प्रतिशत अटेंडेंस  

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 नागपुर : एन पी न्यूज 24 – नागपुर महानगरपालिका के आयुक्त तुकाराम मुंढे गजब ढा रहे हैं। पदभार संभालने के साथ ही उन्होंने साफ कर दिया कि अब तक जो भी यहां होता आ रहा है, वह अब नहीं चलेगा। उनका सीधा इशारा कर्मचारियों की ओर था। कार्यस्थलों से लेकर कार्यालयों में दस्तक दी और एक तरह से कर्मचारियों को उठक-बैठक करने पर मजबूर कर दिया। कुछ विभागों के कर्मचारी जींस पैंट में नजर आए, तो यह भी उन्हें नागवार गुजरा। अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए दो टूक कहा कि अब से कार्यालय में  जींस पैंट नहीं। समय पर आने की सख्ती भी की। परिणाम यह निकला कि 60 प्रतिशत रहने वाली उपस्थिति बढ़कर महीने भर में 100 प्रतिशत तक पहुंच गई। बता दें कि मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे ने 28 जनवरी को पदभार ग्रहण किया था।

नगरसेवकों को भी खरी-खरी
यह तो हुई कर्मचारियों की बात, लेकिन जनप्रतिनिधियों की भी हालत कम गंभीर नहीं। आदतल अंदर से काम कराने में माहिर यह बिरादरी भी इनकी कार्यशैली से काफी परेशान है।  अभी दो दिन पहले अपने-अपने क्षेत्र में होने वाले विकास कार्यों के रोके जाने से परेशान नगरसेवक आयुक्त से मिलने उनके कार्यालय में पहुंचे। योजना के अनुसार, सभी ने ‘एक’ होकर आयुक्त को घेरने की रणनीति बनाई थी। संभवत: आयुक्त ने इनके मनोभावों के पढ़ लिया था। बोले, जो भी कहना है, मात्र 10 मिनट में कहें। गुजारिश हुई तो 10 से समय बढ़ाकर 15 मिनट कर दिया गया। नगरसेवक भड़क उठे। दुहाई दी कि हमारे क्षेत्रों में काम ठप पड़े हैं। सोचे थे, कुछ समाधान निकलेगा, मगर हुआ उल्टा। आयुक्त ने साफ शब्दों में कह दिया कि मनपा की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।

यह ठीक नहीं
ठंडे पड़े नगरसेवकों ने दुहाई दी, हमें पुलिस ने रोका, यह ठीक नहीं है। आपसे मिलने का समय मांगा, तो आपने 10 मिनट दिया। प्रार्थना करने पर 15 मिनट तय किया। सत्तापक्ष नेता संदीप जाधव ने कहा-सत्तापक्ष के 108 नगरसेवक हैं, उनके लिए यह समय पर्याप्त नहीं है। नगरसेवकों को अंदर आते समय पुलिस ने बाहर रोका। यह ठीक नहीं है। यहां सभी वरिष्ठ नगरसेवक हैं, लेकिन बैठने तक की व्यवस्था नहीं है।

कैसे मुंह दिखाएंगे नगरसेवक
वरिष्ठ नगरसेवक दयाशंकर तिवारी ने तो यहां तक कह दिया कि आप नाशिक की तर्ज पर अधिकारियों से फाइल मंगाते हैं। इस कारण फाइलें अटक गई हैं। कोई नगरसेवक विकास कार्य का भूमिपूजन करता है और उस काम को रोका जाता है तो इससे नगरसेवक अपने क्षेत्र में मुंह दिखाने लायक नहीं रहेगा।

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