मिजोरम, पंजाब समेत 8 राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक दर्जा देने की याचिका, SC ने की खारिज

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नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 – सुप्रीम कोर्ट ने 8 राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक दर्जा देने का आदेश देने की जनहित याचिका खारिज कर दी। यह याचिका भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने दायर की थी। सरकार की ओर से 26 साल पुराने अध्यादेश जिसमें पांच समुदायों मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी को अल्पसंख्यक घोषित करने को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है।

अल्पसंख्यकों की सूची में शामिल करने की मांग वाली इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे इसके लिए संबंधित राज्यों के हाई कोर्ट में अप्रोच करें जहां हिन्दू अल्पसंख्यक हैं। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस बारे में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बारे में कहा कि उन्हें इस फैसले से कोई हैरानी नहीं है।

याचिका में इन राज्यों में हिंदू को अल्पसंख्यक कहा –
2011 की जनगणना का हवाला देते हुए याचिका में दिए गए नामों में लक्षद्वीप (2. 5%), मिजोरम (2. 75%), नगालैंड (8 .75%), मेघालय (11. 53%), जम्मू और कश्मीर (28. 44%) , अरुणाचल प्रदेश (29%), मणिपुर (31. 39%) समेत पंजाब (38. 40%) शमिल हैं। अश्विनी ने अपनी याचिका में कहा था कि इन राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक होने के बावजूद अपने अधिकारों से वंचित हैं।

अश्विनी उपाध्याय ने अपनी याचिका में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम 1992 की धारा 2 (सी) को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की थी।  इसी कानून के तहते 23 अक्टूबर 1993 को उक्त अध्यादेश जारी किया गया था। आकड़ों के मुताबिक, उपाध्याय ने आठ राज्यों में हिंदुओं के लिए अल्पसंख्यक दर्जे की मांग करते हुए कहा था यहां हिंदू समुदाय की जनसंख्या में गिरावट आई है।

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