सीट के विवाद में हुई हत्या को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश

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पुणे : एन पी न्यूज 24 – सीट को लेकर हुए विवाद में पुणे के दौंड रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन में एक यात्री युवक की हत्या को सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है। इसे सांप्रदायिक रंग देनेवाली एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल की जा रही है, जिसे हजारों लोगों ने शेयर किया है। हालांकि वास्तव ऐसा नहीं है। मृतक और आरोपी दोनों पक्ष हिन्दू समुदाय से ही हैं। इस मामले में 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
13 फरवरी को तड़के ट्रेन की सीट को लेकर मुंबई-लातूर-बीदर एक्सप्रेस में कुछ लोगों के बीच सीट को लेकर विवाद हो गया, जोकि बाद में मारपीट में तब्दील हो गया और इसमें एक शख्स की मौत हो गई। खबरों के मुताबिक, सागर मार्कंड नाम का एक शख्स अपने परिवार के साथ एक रिश्तेदार के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सोलापुर के कुर्दवाड़ी गांव जा रहा था। वे ट्रेन के जनरल कोच में सफर कर रहे थे और उस समय उनकी पत्नी ज्योति और दो साल की बेटी भी साथ में थी। बच्ची के रोने की वजह से सागर ने कम्पार्टमेंट में बैठे कुछ लोगों से आग्रह किया कि उनकी पत्नी को बैठने दें, लेकिन उनमें बहस होने लगी और बहस इस कदर बढ़ गई कि दोनों पक्षों में मारपीट हो गई। इस मारपीट में सागर की मौत हो गई।
सागर मार्कंड अपने परिवार के साथ मुंबई के पास कल्याण में रहते थे। मार पीट के बाद ट्रेन जब दौंड रेलवे स्टेशन पर रुकी तब उनकी पत्नी ज्योति ने पुलिस को बुलाया। सागर को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। ट्रेन में जिन लोगों ने सागर के साथ मारपीट की, उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज हुआ है। इस मामले में सात महिलाओं समेत 12 लोग गिरफ्तार हुए। दौंड रेलवे पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरोपियों में ताराबाई मारूती पवार (30), जमुना काले (20), ताई हनुमंत पवार (35), कलावती चवन (65), गंगूबाई काले (40), रूपाली चनव (21), निकिता काले (20), हनुमंत पवार (30), अशोक काले (35), सोनू काले (24) और गणेश चवन (24) और एक नाबालिग शामिल है।
इस हत्या को कुछ लोगों द्वारा सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है। इस आशय का एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस पोस्ट पर कमेंट करते हुए सोशल मीडिया यूजर्स नाराजगी जता रहे हैं। इस मामले में सेंट्रल रेलवे ने ट्विटर पर जवाब  देते हुए लिखा, ‘इस घटना में दो समुदाय शामिल नहीं थे। यह ट्रेन के एक डिब्बे में सीट पर बैठने को लेकर झगड़ा था। इसे सांप्रदायिक रंग देने से बचें। कृपया फर्जी खबरें न फैलाएं, जिसकी पुष्टि नहीं हुई है। इसके साथ ही सेंट्रल रेलवे और यहां के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार ने भी ट्वीट कर आरोपियों के नाम और उम्र बताया, जिससे साफ हो जाता है कि आरोपी भी उसी धर्म के हैं, जिस धर्म का पीड़ित परिवार है।
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