नई दिल्ली: एन पी न्यूज 24 – देश में पहचान सिद्ध करने के लिए जारी बहस के बीच UIDAI का एक महत्वपूर्ण बयान सामने आया है. इसमें स्पष्ट कहा गया है कि, आधार भारत के नागरिक होने का पहचान पत्र नहीं है, बल्कि इससे यह मालूम होता है कि अमुक व्यक्ति आधार हासिल करने के 182 दिन पहले से भारत में रह रहा है.
साथ ही UIDAI ने सारी गलतफहमियों को दूर करते हुए कहा कि, UIDAI के ऑफिस द्वारा किसी भी घुसपैठ करने वाले या अवैध रूप से भारत में घुसने वाले को अपनी नागरिकता सिद्ध करने के लिए नोटिस कोई नोटिस नहीं भेजा गया है.
UIDAI सूत्रों के मुताबिक, हैदराबाद में फर्जी कागजातों के इस्तेमाल से गलत आधार बनाने का मामला सामने आया था. इससे संबंधित जानकारी पुलिस ने हैदराबाद रीजनल कार्यालय को दे दी है. इसलिए ऐसे लोगों को रीजनल ऑफिस में तलब किया गया था, ताकि वे अपने आधार की दावेदारी पेश कर सकें. इसके लिए 127 लोगों को 20 फरवरी का वक्त मुहैया कराया गया है.
पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया कि, ऐसे करीब 127 मामले सामने आए हैं, जिनमें अवैध तरीके से भारत में घुसने वाले घुसपैठियों के पास आधार कार्ड पाए गए.
गौरतलब हैं कि, सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि भारत में अवैध रूप से घुसने वालों को आधार इशू न किए जाएं.