नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 – ड्रोन के बढ़ते खतरे को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 31 जनवरी तक सभी ड्रोन रखने वालों से इसका रजिस्ट्रेशन कराने का निर्देश दिया है. अगर इसके बाद कोई ड्रोन पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है. सरकार ने ईरानी नेता कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद यह कदम उठाया है। सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि सुलेमानी की हत्या अमेरिकी मिलिट्री ड्रोन से दागी गई मिसाइल से करने के बाद यह कदम उठाया गया है. तीन जनवरी को कासिम सुलेमानी के काफिले पर इराक के बगदाद हवाई अड्डे के बहार मिसाइल से उड़ा दिया था.
निर्देश ये भी दिया गया
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि रजिस्ट्रेशन पर ड्रोन स्वीकृति संख्या व स्वामित्य स्वीकृति नंबर दिए जाएंगे। इन्हे ड्रोन उड़ाने के लिए अनुमति लेनी होगी। वही बिना नंबर ड्रोन रखने पर क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी।
60 हज़ार अनधिकृत ड्रोन
उधोग संगठन फिक्की की ड्रोन समिति के सहअध्यक्ष अंकित मेहता का अनुमान है कि भारत में 50 हज़ार से 60 हज़ार अनधिकृत ड्रोन है.
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सजा
आईपीसी की धारा 287, 336, 337, 338 के तहत लापरवाही व मशीनों के दुरूपयोग से मानव जीवन में संकट पैदा करने या नुकसान पहुंचाने पर 6 महीने से 2 साल तक की सजा हो सकती है.
अगस्त 2018 से है ये नियम
27 अगस्त 2018 को नागरिक उड्डयन महानिदेशक ने सीएआर जारी किया था जिसमे ड्रोन को यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर व अनमैन्ड एयरक्राफ्ट ऑपरेटर परमिट दिए जाते है. इसके तहत ऑपरटरों को डीजीसीए के ऑनलाइन सॉफ्टवेयर डीजीस्काई से अनुमति लेनी होती है.
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