मुंबई : एन पी न्यूज 24 – महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के कैबिनेट विस्तार के बाद उठे बगावत के सुर अभी शांत भी नहीं हुए थे कि मलाईदार मंत्रालयों को लेकर घमासान मच गया है। मंत्रिमंडल विस्तार के दो दिन बाद बुधवार को महा विकास अघाड़ी के सहयोगियों शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं ने राज्य सचिवालय में विभागों के बंटवारे को लेकर बैठक की। इससे पहले भी एक रिपोर्ट सामने आयी थी कि उद्धव ठाकरे सरकार में शामिल कांग्रेस खुश नहीं है। इसका कारण यह है कि कांग्रेस को लगता है कि उसे अहम मंत्रालय नहीं दिए गए हैं।
Maharashtra:Shiv Sena,NCP&Congress meeting over portfolio distribution has concluded.Congress' Ashok Chavan says,"Whatever few issues were there regarding portfolio distribution have been resolved.We've sent our proposal to Chief Minister,decision will be taken by him tomorrow" https://t.co/lsPn5OHTfF pic.twitter.com/AbITX9BPVo
— ANI (@ANI) January 2, 2020
खबरों की मानें तो महा विकास अघाडी की पांच घंटे से अधिक समय तक चली मैराथन बैठक के बाद भी मंत्रालयों के आवंटन पर आम सहमति नहीं बन पाई। गठबंधन सरकार में सहयोगी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेताओं के बीच गुरुवार रात इस विषय पर हुई बैठक में जोरदार बहस हो गई। सूत्रों के मुताबिक इसके पहले भी दोनों पार्टियों के बीच इसी बात को लेकर बहस हुई थी। बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार में 12 सीटें पाने वाली कांग्रेस ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित दो विभाग और चाहती है और वो अपनी इस मांग को लेकर अड़ी हुई है। कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने मीडिया के सामने कहा कि उनकी पार्टी ने विभागों के बंटवारे के मामले में अपना स्टैंड मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बता दिया है।
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के अनुसार पार्टी मंत्रालयों के बंटवारे में ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित दो विभाग और चाहती है। बैठक के बाद अशोक चव्हाण ने बताया कि, ‘हमने सीएम उद्धव ठाकरे को अपना प्रस्ताव दे दिया है, वो उस पर विचार करेंगे।’