नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 – देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक SBI अपने ग्राहकों को कई तरह की सेवाएं देता हैं, जिनमें से एक है ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी. अगर किसी इमरजेंसी में आपको नगदी की जरूरत हो और आपके अकाउंट में आवश्यकतानुसार बैलेंस नहीं है, तब भी आप अपने अकाउंट से जमा बैलेंस से अधिक कैश निकाल सकते हैं. बैंक की इस सुविधा को ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी कहते हैं.
ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी से जुड़े नियम
अगर आप इस सुविधा के अनुसार रकम निकासी या विदड्रॉ करते हैं, तो आपको निकाले गए अतिरिक्त पैसे को एक तय समयावधि के अंदर चुकाना होगा. हालांकि आपको इस राशि पर ब्याज चुकाना होगा. यह ब्याज डेली बेसिस पर कैलकुलेट होता है. साथ ही आप कितना अतिरिक्त पैसा निकाल सकते हैं, इसकी लिमिट पहले बैंक या NBFCs द्वारा तय की जाती है. यह सुविधा कोई भी बैंक या नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) दे सकती है
ऐसे करें अप्लाई
बता दें कि बैंक द्वारा अपने चुनिंदा ग्राहकों को प्रीअप्रूव्ड ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी दी जाती है. इसके लिए पहले ग्राहक को मंजूरी हासिल करनी पड़ती है. आप लिखित या इंटरनेट बैंकिंग के इस्तेमाल से इस सेवा के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
ओवरड्राफ्ट सेवा दो प्रकार की होती है…
सिक्योर्ड- इस सुविधा में सिक्योरिटी के तौर पर कुछ गिरवी रखा जाता है जैसे एफडी, शेयर्स, घर, सैलरी, इंश्योरेंस पॉलिसी, बॉन्ड्स आदि.
अनसिक्योर्ड- यदि आपके पास सिक्योरिटी के तौर पर देने के लिए कुछ भी नहीं है तो भी आप ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी ले सकते हैं. इसे अनसिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट कहते हैं. जैसे क्रेडिट कार्ड से मनी विदड्रॉल.
यहां ध्यान दें कि यदि आप ओवरड्राफ्ट की रकम नहीं चुका पाते हैं तो आपके द्वारा गिरवी रखी गई चीजों से बैंक इसकी भरपाई करेगा.
फायदा
बता दें कि लोन लेने पर इसकी क़िस्त चुकाने की एक सीमित समयसीमा होती है. यदि आप इस सीमा से पहले लोन चूका देते हैं, तो आपको प्रीपेमेंट चार्ज अदा करना होता, लेकिन ओवरड्राफ्ट सुविधा में ऐसा नहीं है. अगर आप ने ओवरड्राफ्ट सुविधा का फायदा लिया है, तो आप समय से पहले बगैर किसी चार्ज के इसके पैसे चूका सकते हैं. और तो और आपको ब्याज भी सिर्फ उतने ही समय का देना होगा, जितने समय तक ओवरड्राफ्टेड अमाउंट आपके पास रहा. इसके अलावा इसमें EMI भरने का दबाव भी नहीं है. यह सभी विशेषताएँ ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी को लोन से अधिक आसान और सस्ता बनाती हैं.
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