नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 – भारत और पाकिस्तान के बीच इन दिनों भारी तनाव है। जम्मू-कश्मीर से जब से अनुच्छेद 370 हटाया गया है तब से ही पाकिस्तान सीमावर्ती इलाकों में लगातार सीजफायर तोड़ रहा है और अब नागरिकता संशोधन कानून पर भी पाकिस्तान भड़क गया है। बीते दिन जेनेवा में वैश्विक शरणार्थी फोरम को संबोधित करते हुए खान ने कहा था कि सीएए से न कवेल दक्षिण एशिया में शरणार्थी संकट बढ़ेगा बल्कि यह परमाणु हथियार संपन्न देशों भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को बढ़ा सकता है।
इस बीच अब सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सेना को आदेश दिया है कि लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर कभी भी तनाव पैदा हो सकता है, देश को इसके लिए तैयार रहना चाहिए। रावत ने कहा कि ‘नियंत्रण रेखा पर स्थिति किसी भी समय खराब हो सकती है। हमें हर कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा।’ केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने पिछले महीने लोकसभा सत्र में कहा था कि ‘अगस्त 2019 से अक्टूबर 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा से लगी सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन की 950 घटनाएं हुई हैं।’ इससे साफ़ पता चलता पाकिस्तान के मंशे के बारे में।
सेना प्रमुख द्वारा ये बयान ऐसे समय में आया है जब अगस्त में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने के बाद से पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर लगातार युद्धविराम का उल्लंघन कर रहा है।
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