नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 – निर्भया गैंगरेप केस में नया मोड़ आ गया है। निर्भया गैंगरेप मामले के चार मुजरिमों में से एक अक्षय कुमार सिंह द्वारा मौत की सजा के फैसले पर पुनर्विचार के लिये दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एस ए बोबड़े ने खुद को अलग कर लिया है। बता दें कि आज मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस आर भानुमति और अशोक भूषण की पीठ ने पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान जस्टिस बोबडे ने इस केस से खुद को अलग करने के साथ एक नई पीठ का गठन किया है, जो बुधवार को सुनवाई करेगी।
जस्टिस बोबडे ने केस से पीछे हटने के पीछे अपने निजी कारणों का हवाला दिया है। सीजेआई एस ए बोबड़े ने कहा इस केस में सुनवाई के संबंध में अलग से बुधवार को सुबह 10.30 बजे नई बेंच गठित की जाएगी। मौजूदा तीन सदस्यों वाली पीठ में सीजेआई बोबड़े के अलावा जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस आर भानूमति शामिल थे। इधर सुप्रीम कोर्ट में दोषी अक्षय की याचिका पर सुनवाई से पहले निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि हमें भरोसा है कि हमें न्याय मिलेगा, क्योंकि हमारे पास कोई अन्य विकल्प नहीं है। अगर कुलदीप सिंह सेंगर (उन्नाव रेप केस का दोषी) और निर्भया के चारों दोषियों को फांसी की सजा मिलती है तो समाज में इससे कठोर संदेश जाएगा।
Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang-rape victim: We believe we will get justice because we have no other option. If Kuldeep Sengar (Unnao rape convict) & Nirbhaya's 4 culprits get capital punishment, it will send a strong message to the society. pic.twitter.com/vZcNvZOnjW
— ANI (@ANI) December 17, 2019
बता दें कि दोषी करार अक्षय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका दायर की है। बता दें कि मेडिकल की छात्रा के साथ 16 दिसंबर 2012 को गैंगरेप की घटना हुई थी। इस मामले में कोर्ट ने छह लोगों को दोषी ठहराया है इनमें से एक दोषी राम सिंह तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर चुका है। इस केस में नाबालिग को तीन साल तक सुधारगृह में रखने के बाद रिहा कर दिया गया था जबकि चार और आरोपियों विनय शर्मा, मुकेश सिंह, पवन गुप्ता और अक्षय सिंह को फांसी की सजा दी गई थी।
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