सरकार ने फूड सेफ्टी को लेकर लिया ‘यह’ बड़ा फैसला, मिलावटी खाद्य पदार्थ पाए गए तो ग्राहक को मिलेगा पूरा पैसा वापस, जानें क्या है नियम

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नई दिल्ली: एन पी न्यूज 24 – वर्तमान में एक ओर जहां महंगाई आसमान छू रही है, वहीं इतना पैसा खर्च करने के बावजूद भी ग्राहकों को बाजार में मिलावटी सामन बेचा जा रहा है.  दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली लगभग सभी चीजों में धड़ल्ले से मिलावट की जा रही है. खाने से लेकर पीने तक की खाद्य सामग्री में मिलावट जारी है. मुनाफाखोरी के चक्कर में लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. दुकानों पर तेल में पाम आयल मिलाकर, तो कहीं डालडा में सेंट मिलाकर देशी घी के नाम नकली घी बेचा जा रहा है. फिर भी संबंधित प्रशासन और संबंधित अधिकारी इन मिलावटखोरों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं करते. इन बातों को मद्देनजर रखते हुए सरकार ने  फूड सेफ्टी को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है.

सरकार ने अब मिलावटी खाद्य पदार्थों और मिलावटखोरों पर नकेल कसने के लिए ग्राहकों को लैब में टेस्टिंग के लिए प्रोत्साहित कर रही है. अगर ग्राहक को लगता है कि उनका खाद्य पदार्थ अशुद्ध है या मिलावटी है, तो वे इसकी लैब में टेस्टिंग करवा सकते हैं. अगर टेस्ट में सैंपल खराब पाया जाता है तो ग्राहक को टेस्ट के पैसे लौटा दिए जाएंगे. हालाँकि आप को यह कार्य किसी उपभोक्ता संगठन की सहायता से करना होगा.

बता दें कि फ़िलहाल अगर किसी भी ग्राहक के पास खराब चीज आ भी जाती है, तो वह इसकी लैब टेस्टिंग से कतराता है, जिसकी मुख्य वजह इसमें लगने वाला पैसा और समय है. लेकिन सरकार के इस कदम से वे अपना पैसा और समय दोनों बचा सकते हैं. साथ ही मिलावटखोरों पर शिकंजा कसने के लिए सरकार की एक तरह से मदद भी कर सकते हैं.

इस संदर्भ में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया का कहना है कि इस सुविधा से खाने-पीने के सामान की क्वॉलिटी को सुधारने के मामले में क्रांति आ सकती है.

दूध को लेकर भी सरकार ने बनाए नए नियम
बता दें कि फूड रेगुलेटर FSSAI द्वारा डेयरी  और दूध से जुड़ी कंपनियों के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं. इस नए आदेशानुसार,  मवेशियों के चारे का BIS सर्टिफाइड होना आवश्यक होगा. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस साल के मिल्क सर्वे में बड़ी कंपनियों के दूध में एंटीबायोटिक और अन्य कैमिकल पाए गए थे. इसके बाद यह फैसला किया गया है.

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