नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 – जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता सबसे पहले हाईकोर्ट में जाएं, जब हाईकोर्ट कोई फैसला देगा तो उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। सर्वोच्च अदालत के आदेश में कहा गया है कि हाईकोर्ट ही अपने विवेक के अनुसार छात्रों को मेडिकल सुविधा, गिरफ्तारी के मामले में आदेश देगा।
Supreme Court during Jamia Millia Islamia/Aligarh Muslim University incidents case hearing: We do not have to intervene. It is a law & order problem, how did the buses burn? Why don’t you approach jurisdictional High Court? pic.twitter.com/pd28SLGBF7
— ANI (@ANI) December 17, 2019
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एस ए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने कहा था कि ‘हम बस इतना चाहते हैं कि हिंसा बंद हो जानी चाहिए।’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया का पालन किया जाए। अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अपने आदेश में कहा कि एक कमेटी विभिन्न राज्यों के मामले देखे यह संभव नहीं है। यह अलग-अलग राज्यों से संबंधित है। याचिकाकर्ता संबंधित हाईकोर्ट्स में जाएं।
SC on Jamia Millia Islamia/AMU incidents case: Having regard to the nature of the matter & the vast disputed area, we find it would be feasible to appoint a single committee to go into the matter in different states. This will entail collection of evidence from various states. https://t.co/uIJPvpUaXk
— ANI (@ANI) December 17, 2019
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया के बाहर छात्रों सहित प्रदर्शनकारी इकट्ठा हो गए हैं। वहां फिर प्रदर्शन शुरु हो गया। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने जामिया और एएमयू से जुड़ी याचिका की खारिज कर दी है। अदालत ने कहा है कि संबंधित पक्ष हाईकोर्ट जायें।
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