दिल्ली अग्निकांड के बाद सामने आये असली हीरो राजेश शुक्ला ने पेश की मिसाल, बचाई 12 लोगों की जान

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नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 – दिल्ली  में दिल दहला देने वाले अग्निकांड में 43 निर्दोष लोगों की जान चली गई. लेकिन ये हादसा तब और भयानक हो सकता था अगर फायर ब्रिगेड के असिस्टेंट डिवीज़न अफसर राजेश शुक्ला ने बहादुरी नहीं दिखाई होती। शुक्ला और उनकी टीम ने जान पर खेलकर 12 लोगों की जांच बचाई। इस घटना में राजेश शुक्ला घायल भी हो गए उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां उन्हें ऑक्सीजन दी गई. उनसे मिलने दिल्ली के हेल्थ मिनिस्टर सतेंद्र जैन पहुंचे। तब शुक्ला ने कहा कि अगर थोड़ा और समय मिल जाता तो और लोगों की जान बच जाती।

राजेश शुक्ला ने एक न्यूज़ पेपर से बात करते हुए कहा कि आग फैक्ट्री की तीन मंजिल तक पहुंच गई थी. उसके अंदर कुछ लोग फंसे थे. वे बिना ऑक्सीजन सिलेंडरर के दो तीन अन्य कर्मियों के साथ दरवाजा तोड़कर फैक्ट्री के अंदर घुस गए.

कमरे में चीख पुकार मची थी 

उन्होंने बताया कि कमरे के अंदर चीख पुकार मची थी. जो लोग होश में थे उन्हें साथ लेकर बाहर आये. हमने 12 लोगों को बाहर निकाला। इनमे दो बच्चे भी शामिल थे.

एक हॉल में 30 से ज्यादा लोग बेहोश थे 
उन्होंने बताया कि अंदर का नज़ारा बेहद डराबना था. 30 से ज्यादा लोग बेहोश पड़े थे. इनमे से ज्यादातर की दम घुटने से मौत हो गई. कुछ पीड़ितों को खुद की गाडी से हॉस्पिटल भेजा।
आग पर काबू पाना और लोगों को बचाना मुश्किल था 

उन्होंने बताया कि गली इतनी संकरी थी कि फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस की गाडी नहीं पहुंच सकती थी. उस वक़्त पीड़ितों को उठकर गली के बाहर लाना पड़ा. इस दौरान वह गिर गए जिसमे उनके घुटने में चोट लग गई.

मीडिया में हो रही चर्चा 

राजेश शुक्ला की दिलेरी की मीडिया में जमकर चर्चा हो रही है. दिल्ली में हेल्थ मिनिस्टर ने ट्विटर पर राजेश को असली हीरो बताया है. राजेश शुक्ला 2004 से दिल्ली फायर ब्रिगेड में कार्यरत है.

मंत्री ने ये कहा 
सतेंद्र जैन ने कहा कि राजेश शुक्ला सही मायने में असली हीरो है. वह आग से घिरी ईमारत में घुसने वाले पहले व्यक्ति थे. उन्होंने 12 लोगों की जान बचाई। वह घायल होने के बाद भी ड्यूटी करते रहे. इस बहादुरी को मेरा सलाम!
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