कायदे से चलाना है कामकाज तो बंद करें कमीशनखोरी, शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे की सलाह

स्थायी समिति की सभा में मचा बवाल

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पिंपरी : एन पी न्यूज 24 – पिछली सभा में अधिकारी और सदस्य सभापति की अनुमति के बिना कोई बात नहीं उठाएंगे न स्पष्टीकरण देंगे, इस ‘फतवे’ पर से हुए विवाद की छाप बुधवार को स्थायी समिति की दूसरी साप्ताहिक सभा पर भी नजर आयी। इस सभा में शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे ने सवाल उठाया कि सभा का कामकाज प्रथा- परंपरा के मुताबिक के चलाया जाना चाहिए या कायदे से? जब समिति के सभापति विलास मडिगेरी ने कायदे से कामकाज चलाने का स्पष्टीकरण दिया तब कलाटे पलटवार करते हुए मांग की कि, अगर कायदे से ही कामकाज चलाना है तो कमीशनखोरी बंद कर दें और स्थायी समिति का कामकाज सही मायने में पारदर्शी बनाएं।
स्थायी समिति की आज की सभा में दापोडी दुर्घटना में शहीद हुए दमकलकर्मी और मजदूर को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद यह सभा स्थगित कर दी गई। इससे पहले सभा का कामकाज एक बहस के साथ शुरू हुआ। हर बार सभा शुरू होने से पहले समिति सदस्यों की एक पूर्व बैठक आयोजित की जाती है। लेकिन, आज यह बैठक नहीं होने से यह बहस छिड़ गई। राष्ट्रवादी कांग्रेस के नगरसेवकों ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी भाजपा के सदस्यों सहित विपक्ष के सदस्यों को यकीन में लिए बिना स्थायी समिति सभापति विलास मडिगेरी एकाधिकार से कामकाज चला रहे हैं। उसी में शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे के सवाल के जवाब में मडिगेरी द्वारा उक्त स्पष्टीकरण दिए जाने पर विवाद छिड़ गया।
स्थायी समिति की गत सप्ताह संपन्न हुई सभा में सभापति विलास मडिगेरी और शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे के बीच बड़ा विवाद हुआ था। कलाटे के सवाल पर मनपा अधिकारी स्पष्टीकरण दे रहे थे कि मडिगेरी ने अधिकारी को रोक दिया और स्पष्ट किया कि, बिना उनकी अनुमति के न कोई सदस्य सवाल उठा सकता है न कोई अधिकारी उसका स्पष्टीकरण दे सकता है। कलाटे इसका आधार पूछा तब नगरसचिव उल्हास जगताप गोलमोल जवाब देकर रह गए। मनपा अधिनियम में ऐसा स्पष्ट उल्लेख नहीं है, इसकी ओर कलाटे सभा का ध्यानाकर्षित किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सभापति मनमानी कर रहे है और विपक्षी दलों की आवाज दबाने की कोशिश कर रहे हैं।
पिछली सभा में हुए विवाद की छाप आज की सभा पर भी नजर आयी। उपरोक्त बवाल के बीच राहुल कलाटे ने सवाल उठाया कि समिति का कामकाज अब तक चली आ रही प्रथा- परंपरा के मुताबिक चलाना है या कायदे- कानून से? जब सभापति विलास मडिगेरी ने स्पष्ट किया कि कायदे कानून से ही कामकाज चलाया जाएगा। तब कलाटे कहा कि कायदे से कामकाज करना है तो कमीशनखोरी बन्द कर दें। सभा के कामकाज की वीडियो शूटिंग कराएं, सही मायने में पारदर्शिता लाएं। राष्ट्रवादी कांग्रेस के नगरसेवक मयूर कलाटे और पंकज भालेकर ने भी उनका समर्थन किया। इस पर जब मडिगेरी ने कहा कि यहां मेरी मर्जी ही चलेगी तब बात और बढ़ गई। सदस्यों की मांग पर नगरसचिव उल्हास जगताप ने स्पष्ट किया कि सभा सदस्यों के मतों के मुताबिक चलती है, इसके लिए कानूनी प्रावधान है। भाजपा के सदस्य शीतल शिंदे ने बीचबचाव करते हुए पूर्व बैठक होने तक सभा स्थगित रखने की सलाह दी।
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