पिंपरी : एन पी न्यूज 24 – पिंपरी-चिंचवड़ मनपा द्वारा चिखली में प्रस्तावित जलशुद्धिकरण केंद्र के निर्माण हेतु डेढ़ हजार से ज्यादा वृक्ष काटे जाएंगे. इससे वहां की प्राकृतिक संपदा, पक्षियों व तितलियों का जीवन नष्ट हो जाएगा. यहां वृक्षों को न काटने तथा जलशुद्धिकरण केंद्र किसी खुली जगह में स्थानांतरित किए जाने की मांग सामाजिक कार्यकर्ता वैभव तापकीर ने की है. उन्होंने वृक्षों को काटे जाने के खिलाफ राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से शिकायत की है. शिकायत पर ध्यान न दिए जाने पर ग्रीन ट्रिब्यूनल एवं मुंबई हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की चेतावनी भी वैभव तापकीर द्वारा दी गई है.
चिखली स्थित उक्त 8 हेक्टेयर गायरान जमीन पिछले 50 सालों से वृक्षों से भरी है. इन घने वृक्षों की वजह से यहां पशु-पक्षी सहित विभिन्न प्राणी निवास करते हैं. वृक्षों को काटे जाने से यह पूरी प्राकृतिक संपदा नष्ट हो जाएगी. इससे पालतू जानवर व मानवीय स्वास्थ्य भी प्रभावित होगा. यह स्पष्ट करते हुए वैभव तापकीर ने जलशुद्धिकरण प्रोजेक्ट के लिए सिर्फ डेढ़ हजार नहीं करीब 6 हजार वृक्ष काटे जाने की आशंका जताई है.
प्रोजेक्ट का नहीं, जगह का विरोध : तापकीर
वैभव तापकीर ने कहा कि बढ़ती आबादी को देखते हुए जलशुद्धिकरण केंद्र का निर्माण जरूरी है. हम प्रोजेक्ट का नहीं, सिर्फ उसके लिए चुनी गई जगह का विरोध कर रहे हैं. यह प्रोजेक्ट चिखली में न बनाते हुए किसी अन्य खुली जगह में बनाएं. इतनी बड़ी संख्या में वृक्ष काटे जाने से विकास कैसे हो सकेगा?
visit : npnews24.com