पुणे : एन पी न्यूज 24 – अयोध्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देने की ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) द्वारा ली गई भूमिका नकारात्मक है और ऐसा कर बोर्ड हिंदुओं व मुसलमानों में दरार पैदा कर रहा है. यह आरोप विश्वशांति केंद्र (आलंदी), एम.आई.टी. पुणे के सलाहकार व मुस्लिम बुद्धिजीवी मंच के अध्यक्ष डॉ. एस.एन. पठान ने लगाया.
डॉ. पठान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने विवादित स्थल को लेकर जो फैसला सुनाया, उसका देश की हिंदू और मुस्लिम जनता ने स्वागत किया है. देश में कहीं भी अनुचित घटना नहीं घटी और इसके बावजूद सिर्फ अपना अस्तित्व दिखाने के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने फैसले को चुनौती देने का निर्णय लिया है. बोर्ड का मौजूदा रुख उसके द्वारा फैसले से पहले दिये गये बयान को झूठा साबित करता है.
डॉ. पठान ने कहा कि बोर्ड को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह भारत के करोड़ों मुसलमानों का प्रतिनिधित्व नहीं करता. बोर्ड को पाक कुरान हदीस व शरीयत के अध्येता मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के आदर्शों पर आचरण करना चाहिए. श्रीराम मंदिर बनाने के लिए भारतीय मुस्लिम बुद्धिजीवी मंच द्वारा फंड जुटाने के साथ ही उसके सदस्य मंदिर निर्माण में प्रत्यक्ष रूप से शामिल होने को तैयार हैं. विश्वशांति केंद्र के अध्यक्ष प्रो. डॉ. विश्वनाथ कराड़ ने डॉ. पठान की भूमिका का स्वागत किया है.
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