Ayodhya Case : सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 5 बड़ी बातें, जानें अब तक कोर्ट में क्या-क्या हुआ 

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नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 –अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना रहा है।  देशभर में इसे लेकर हाई अलर्ट है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विभिन्न धर्म गुरुओं ने लोगों से शांति बनाए रखने तथा अदालत के फैसले का सम्मान करने की अपील की है। फैसले से पहले देश के कुछ हिस्सों में एहतियात के तौर पर धारा 144 लगाई गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने अब तक का सबसे बड़ा फैसला सुनाया है। सीजेआई रंजन गोगाई ने कहा कि विवादित जमीन राम लला विराजमान को दी जाए। वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन देने का भी फैसला दिया। सीजेआई ने कहा कि ये पांच एकड़ जमीन या तो अधिग्रहित जमीन से दी जाए या फिर अयोध्या में कहीं भी दी जाए।

 की 5 बड़ी बातें –
1.  सीजेआई ने कहा कि रामलला को जमीन के लिए ट्रस्‍ट बनाया जाए। मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्‍ट बनाया जाए।

2. सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि केंद्र सरकार 3 महीने में योजना बनाए और ट्रस्‍ट 3 महीने में मंदिर की योजना तैयार करे। विवादित जमीन पर केंद्र सरकार एक ट्रस्ट का गठन कर मंदिर का निर्माण करे। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर सरकार का हक रहेगा।

3. रामलला को मिली विवादित जमीन, मुस्लिमों को मस्जिद बनाने के लिए वैकल्पिक जमीन दिए जाने का आदेश। यह जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी जाएगी।

4. इस बात का कोई सबूत नहीं है कि मुसलमानों ने मस्जिद को छोड़ दिया था। हिंदू हमेशा से मानते थे कि भगवान राम का जन्मस्थान मस्जिद के आंतरिक प्रांगण में है।

5. एएसआई इस बात को साबित नहीं कर पाया है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी। मुसलमानों ने 1949 तक यहां नमाज पढ़ी। हालांकि इस बात के सबूत हैं कि हिंदू अंग्रेजों के आने से पहले से ही राम चबूतरे और सीता रसोई की पूजा किया करते थे। रिकॉर्ड में मौजूद सबूत बताते हैं कि विवादित जमीन के बाहरी हिस्से पर हिंदुओं का कब्जा था। बाबरी मस्जिद का निर्माण खाली जमीन पर नहीं हुआ था। जमीन के नीचे का ढांचा इस्लामिक नहीं था। एएसआई के निष्कर्षों से साबित हुआ कि नष्ट किए गए ढांचे के नीचे मंदिर था।

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