मुंबई : एन पी न्यूज 24 – शिवसेना के बिना सरकार नहीं बनानी है. यह भूमिका भाजपा ने ली है. कांग्रेस और राष्ट्रवादी की तरफ से अभी तक शिवसेना को हरी झंडी नहीं मिलने से सत्ता संघर्ष का पेंच और कठिन हो गया हैं. राज्य की मौजूदा स्थिति राष्ट्रपति शासन की तरफ बढ़ रही है. क्या होगा? इस बड़ी उत्साह की जगह अब कुछ भी हो सकता है ने ले ली है. मुख्यमंत्री देवन्द्र फडणवीस ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस ) के सर संघ चालक डॉ. मोहन भागवत से मंगलवार की रात मुलाकात करने के बाद भाजपा की रणनीति की दिशा निश्चित हो गई है. डॉ. मोहन भागवत ने स्पष्ट कर दिया है कि शिवसेना साथ आए तभी सरकार बना. सत्ता के लिए राष्ट्रवादी या किसी पार्टी विरोधी से समर्थन लेकर जोड़तोड़ नहीं करे. अप्राकृतिक गठबंधन नहीं करे. राष्ट्रपति शासन की नौबत आई तो उसके लिए भी तैयार रहे.
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