नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 –वायु प्रदूषण के चलते राष्ट्रीय राजधानी में जहां एक ओर सांस लेने के लिए लोगों को जंग लड़नी पड़ रही है, वहीं सोमवार को इस परिस्थिति से थोड़ी राहत दिलाने के लिए तीसरी बार ऑर्ड-ईवन को लागू कर दिया गया है। दिल्ली में यह स्कीम 15 नवंबर तक सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक लागू रहेगी।
इन नियमों का उल्लंघन करने पर इस बार चार हजार रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। पिछली बार के मुकाबले इस बार जुर्माना राशि को दोगुना कर दिया गया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सोमवार को ट्वीट किया, “हेलो दिल्ली! प्रदूषण नियंत्रण के लिए आज से ऑर्ड-ईवन शुरू किया जा रहा है। अपने बच्चों, परिजनों और खुद के स्वास्थ के लिए ऑर्ड-ईवन का पालन करें। कार में साझा यात्रा करें, इससे दोस्ती और रिश्ते भी बढ़ेंगे और पेट्रोल की बचत के साथ-साथ प्रदूषण घटाने में भी मदद मिलेगी।”
"Be the change you wish to see in the world"
I am glad every Delhiite is happily participating in Odd Even and represents the change that Delhi wishes to see
I too carpooled with my Ministers to work today. We will alternate between my car and theirs for the rest of Odd Even pic.twitter.com/I0gfQ260zV
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 4, 2019
उन्होंने आगे कहा, “दिल्ली एक बार फिर दिखाएगी।”
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता विजय गोयल ने इस योजना को ‘राजनीतिक नौटंकी’ करार दिया और घोषणा की है कि वह इसका उल्लंघन करेंगे।
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ऑर्ड-ईवन की बात करें तो यह एक कार रोटेशन प्रणाली है, जहां ईवन नंबर 0, 2, 4, 6 और 8 से समाप्त हो रहे नंबर प्लेट की गाड़ियां ईवन तारीखों को सड़क पर निकलेंगी। वहीं, जिन गाड़ियों के नंबर प्लेट 1,3,5,7 और 9 नंबर पर समाप्त हो रही हैं, वे ऑड तारीखों पर चलाई जा सकेंगी।
दिल्ली सरकार के मंत्रियों और यहां तक कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वाहनों को भी इस नियम से छूट नहीं दी जाएगी। पिछले वर्षो के विपरीत निजी स्वामित्व वाले सीएनजी वाहनों को इस बार छूट नहीं दी जाएगी।
केजरीवाल सरकार ने राजधानी में अपराध के मामलों को देखते हुए पूर्व की तरह महिलाओं को इस नियम से छूट दे रखी है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “अकेले ड्राइविंग करने वाली महिलाएं, कार में सभी महिलाओं के होने की स्थिति में और 12 साल से कम उम्र के बच्चों को साथ लेकर यात्रा कर रहीं महिलाओं को छूट दी गई है।”
इसके अलावा इन 12-दिनों के दौरान चिकित्सा आपात स्थितियों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों को भी दिल्ली सरकार द्वारा छूट दी गई है।
स्कूली बच्चों को ले जाने वाले निजी वाहनों को भी अनुमति दी गई है। यह पूछे जाने पर कि सरकार झूठे लोगों से वास्तविक मामलों का निर्धारण कैसे करेगी? इसके जवाब में दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ‘विश्वास’ पर आधारित है।
कुछ वीआईपी को भी छूट दी जाएगी। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यों के राज्यपाल, भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई), लोकसभा अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री और दोनों सदनों के विपक्ष के नेता, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, यूपीएससी अध्यक्ष, मुख्य चुनाव आयुक्त और सीएजी, राज्यसभा के उपाध्यक्ष और लोकसभा के उपाध्यक्ष और दिल्ली के उपराज्यपाल और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और लोकायुक्त के सदस्यों, आपातकालीन प्रवर्तन और रक्षा उद्देश्यों के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले वाहनों को छूट दी गई है।