CRPF जवानों को जल्द मिल सकती है बड़ी सौगात, गृहमंत्री ने उठाया ‘यह’ कदम, जानें  

0

नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 – अधिकतर लोगों को शायद ही इस बात की जानकारी होगी कि हमारे सुरक्षा में तैनात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CRPF) के जवान अपने परिवार के साथ 1 साल में लगभग 75 दिन ही बीता पाते हैं, इस बात को गंभीरता से लेते हुए अब गृहमंत्री अमित शाह ने CRPF जवानों की छुट्टी को लेकर एक अहम कदम उठाया है, जो इन जवानों और उनके परिवारवालों के लिए किसी सौगात से कम साबित नहीं होगा.

इस सन्दर्भ में व्यापक योजना बनाने के दिए निर्देश
गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CRPF) के कर्मियों के लिए एक व्यापक योजना तैयार करने का आदेश दिया है; जिसमें CRPF के लगभग 7 लाख जवानों को अपने परिवार के साथ कम-से-कम 100 दिन बिताने और सैनिकों की तैनाती की प्रक्रिया को डिजिटल करने संबंधी निर्देश दिया गया है. बता दें कि पिछले माह ही  CAPF मंत्रालय में सीएपीएफ के कामकाज को लेकर शाह को जानकारियां उपलब्ध कराई गई थी. इसके बाद शाह ने CRPF जवानों को लेकर यह महत्वपूर्ण आदेश दिया है. गौरतलब है कि संबंधित अधिकारीयों द्वारा गुरुवार को ही यह जानकारी दी गई है.

अधिकारियों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), सशस्त्र सीमा बल (SSB) और असम राइफल के आलाकमानों और महानिदेशकों शाह के इस निर्देश को अमल में लाने के लिए कहा गया है।

समीप के ही यूनिट में ली जा सकती है तैनाती
बता दें कि अब सुरक्षाबलों को आसपास ही तैनात करने संबंधी निर्णय पर भी विचार-विमर्श किया जा रहा है. अगर ऐसा संभव हों जाता है, तो सुरक्षाबलों करीबी इकाइयों में ही तैनात किया जाएगा. अगर ऑपरेशन तत्काल नहीं है, तो वे अपने परिवारों के साथ समय बिता सकते हैं.

हालांकि इस ओर कदम बढ़ाते हुए सेना प्रमुखों को सीएपीएफ में अतिरिक्त कर्मियों की तैनाती का मूल्यांकन करने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने संबंधी आदेश दिए गए हैं. ताकि सीएपीएफ यूनिट के काम को प्रभावित न किया जाए।

 तैनाती की प्रक्रिया को डिजिटल के फायदें
वहीं तैनाती की प्रक्रिया को डिजिटल करने संबंधी निर्देश के बारे में एक अधिकारी ने बताया कि, जब तैनाती डेटा डिजिटल हो जाएगा, तो पारंपरिक पेपर फ़ाइल प्रसंस्करण की तुलना में सेना मुख्यालय में सैनिकों को तैनात करना और स्थानांतरित करना आसान हो जाएगा.  साथ ही सैनिकों को उनके घरों में स्थानांतरित करने और उनकी तैनाती के बारे में बड़ी संख्या में शिकायतों का निराकरण करने में भी मदद मिलेगी.

1 साल में सिर्फ इतने दिन घर रह पते हैं जवान
इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सेना को दो महीने की समय सीमा दी गई है। बता दें कि, सीमा सुरक्षा बल के पूर्व प्रमुख के.के. शर्मा ने पिछले साल बताया था कि, केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवानों को परिवार के साथ रहने के 1 साल में  औसतन ढाई महीने (लगभग 75 दिन) मिल पाते हैं. यदि 30 साल का सेवाकल माना जाता है, तो वे नौकरी के दौरान परिवार के साथ केवल पांच साल ही बिताते हैं.

visit : www.npnews24.com

Leave A Reply

Your email address will not be published.