राष्ट्रवादी और समर्थितों को मिला आजमभाई का ‘आशीर्वाद’

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पिंपरी : एन पी न्यूज 24 –  पिंपरी चिंचवड़ के सियासी गलियारों में तब खलबली मच गई जब नाराजगी और बीमारी के चलते भाजपा से दूरियां बनाए हुए शहर के कद्दावर नेता आजमभाई पानसरे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस और उसके द्वारा समर्थित प्रत्याशियों को अपना समर्थन रूपी ‘आशीर्वाद’ दे दिया। बुधवार को सोशल मीडिया पर उनके निवासस्थान पर तीनों प्रत्याशियों के साथ उनकी तस्वीरें खूब वायरल हो रही है। पिंपरी विधानसभा से राष्ट्रवादी के प्रत्याशी अण्णा बनसोडे को जिताने के लिए उन्होंने मुस्लिम समुदाय के नेताओं की बैठक में अपील भी की।
आज दोपहर आजमभाई पानसरे के निवासस्थान ‘पानसरे विला’ पर एक अहम बैठक हुई। इसमें पिंपरी से राष्ट्रवादी के प्रत्याशी अण्णा बनसोडे, चिंचवड़ से निर्दलीय प्रत्याशी राहुल कलाटे और भोसरी से निर्दलीय प्रत्याशी विलास लांडे समेत शहर के प्रमुख नेता मौजूद थे। इस बैठक में पानसरे ने शहर में राष्ट्रवादी कांग्रेस और उसके द्वारा समर्थित किये गए प्रत्याशियों को अपना समर्थन दिए जाने की खबर है। इस बैठक की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। हालांकि इस बारे में पानसरे की राय नहीं जानी सकी, मगर बैठक में मौजूद नेताओं ने समर्थन वाली खबर की पुष्टि की है।
पुणे और पिंपरी चिंचवड़ शहर की सियासत की समझ रखने वाला हर कोई आजमभाई की शख्सियत और उनकी अहमियत से वाकिफ है। उनके नाम के साथ ‘द किंग ऑफ विदाउट किंगडम’ का उल्लेख हमेशा किया जाता है। शहर का नेतृत्व चाहे किसी के भी हाथ हो मगर झुग्गी- बस्तियों और रोजी- रोटी के लिए शहर में बसे ‘बाहरियों’ के लिए पानसरे ही विधायक, सांसद सब कुछ हैं। यही नहीं शहर की झुग्गी- बस्तियों में उनका शब्द काफी मायने रखता है। यही वजह है कि शहर में चुनाव चाहे लोकसभा के हो या विधानसभा, मनपा के हो या फिर शहर से सटे कैंटोनमेंट बोर्ड या ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों के, सभी में पानसरे की भूमिका अहम होती है। तीन साल पहले मनपा चुनाव के दौरान उन्होंने राष्ट्रवादी छोड़कर भाजपा में प्रवेश किया था। भाजपा को मनपा की सत्ता दिलाने में उनकी अहम भूमिका रही। मगर ‘कमिटमेंट’ का पालन नहीं किए जाने से वे भाजपा से नाराज चल रहे हैं। उसी में बीमारी के चलते उन्होंने सियासत से भी दूरियां बना ली। विधानसभा चुनाव में उनकी भूमिका क्या होगी, उनका ‘आशीर्वाद’ किसे मिलेगा? इसको लेकर रही उत्सुकता आज खत्म हो गई। अब भाजपा- शिवसेना महायुति के प्रत्याशियों की चिंता बढ़ गई है।
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