मोदी सरकार GST की करने जा रही है समीक्षा! कई बड़े बदलाव की संभावना

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नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 – मोदी सरकार ने देश की टैक्स प्रणाली में लगभग 2 साल पहले अचानक ऐतिहासिक बदलाव करने को ओर कदम बढ़ाया था. इस दौरान मोदी सरकार द्वारा GST (गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स) प्रभाव में लाया गया. इसके बाद देशभर में इसके खिलाफ आवाजें उठी. वहीं विपक्षी पार्टियों ने भी जारी विरोधों को खूब भुनाया. हालांकि GST को लेकर अभी भी विरोधी पार्टियाँ अपने रुख पर अडिग है. लेकिन अब लगता है सरकार को भी कहीं-न-कहीं इस बात का अंदाजा है कि GST का  टैक्स कलेक्शन पर असर पड़ा है. इसलिए सरकार ने अब GST प्रणाली की खामियों को कम करने व GST कलेक्शन में वृद्धि हेतु GST की समीक्षा करने का फैसला लिया है.

एक कमिटी करेगी GST के नकारात्मक-सकारात्मक पहलुओं की समीक्षा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केंद्र सरकार ने यह कार्य राज्य सरकार के 12 अधिकारियों की एक कमिटी को सौंपा गया है. शुक्रवार को पीएमओ की ओर से राज्य के सचिवों पर जीएसटी को लेकर बातचीत प्रस्तावित है. इसके लिए एक विशेष कमिटी या पैनल गठित किया जाएगा, जो GST के खामियों का पता लगाने और GST में बढ़ोतरी संबंधी सुझाव पेश करेगी. बताया जा रहा है कि कमिटी की रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार द्वारा एक बार फिर GST स्लैब की नई दरें निर्धारित की जा सकती है.

इन-इन विषयों पर किया जा सकता है विचार-विमर्श
मिली जानकारी के अनुसार कमिटी इस बात का अध्ययन करेगी कि GST के मिसयूज को कैसे खत्म किया जा सके? और ऐसा क्या किया जाए कि लोग ख़ुशी से स्वयं को GST के दायरे से जोड़े. इसके अलावा रेस्तरां जैसे सेक्टर्स के जीएसटी से बचने और अन्य लीकेज को रोकने पर भी पैनल विचार कर सकता है.

GST कलेक्शन में लगातार कमी दर्ज
बताया जा रहा है कि पिछले कुछ समय में GST कलेक्शन में भारी कमी आई है. वर्तमान फाइनेंशियल इयर की पहली छमाही में जीएसटी कलेक्शन की ग्रोथ 5 फीसदी से कम रही है, जबकि लक्ष्य 13 फीसदी का आंकड़ा पार करने का था.

हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि कम GST कलेक्शन की एक वजह देश में जारी आर्थिक सुस्ती भी हों सकती है.

विपक्ष हमेशा से GST के विरोध में
जब से सरकार ने GST लागू किया है, तबसे विपक्षी दलों ने सरकार को घेर रखा है. विपक्षी सरकारों ने GST कलेक्शन में कमी की वजह इसकी डिजाइनिंग को बताया है.

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