इंडिया बिजनेस लिटरेचर फेस्टिवल 5 अक्टूबर से शुरू

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पुणे : एन पी न्यूज 24 – औद्योगिक साहित्य का आनंद देने वाला इंडिया बिजनेस लिटरेचर फेस्टिवल (आयबीएलएफ) आने वाले शनिवार (5 अक्टूबर) को सुबह ९ से शाम 5 बजे तक शिवाजीनगर स्थित कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग पुणे (सीओईपी) के किर्लोस्कर सभागृह में होने वाला है। फेस्टिवल का यह दूसरा चरण है। इसमें उद्योग जगत के लगभग 20 चुनिंदा लेखकों को सुनने का अवसर पुणेकरों को प्राप्त हुआ है। ऐसी जानकारी फेस्टिवल के संयोजक एवं लेखक समीर दुआ और ‘सीओईपी’ के संचालक डॉ. बी. बी. अहुजा ने पत्रकार सम्मलेन में दी।

इन्स्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड फायनान्सियल अनॅलिस्ट्स ऑफ इंडिया बिजनेस स्कुल (आयसीएफएआय), सीओईपी, बीडब्ल्यू बिझनेसवर्ल्ड, इन्स्टिट्यूट ऑफ जनरेटिव्ह लीडरशिप, इंटरनॅशनल इन्स्टिट्यूट ऑफ इन्फर्मेशन टेक्नॉलॉजी, कुल-एक्स, फीदरलाईट, नॅसकॉम, ऑनलाईन बिझनेस, टीआयई पुणे और माझाना इस संस्थाओ के सहयोग यह फेस्टिवल हो रहा है। इस दौरान समीर दुआ ने कहा कि ‘पहले फेस्टिवल को बहुत अच्छा प्रतिसाद मिला। उससे प्रेरणा लेकर इस साल यह फेस्टिवल और बेहतर बनाने के लिए हम तैयार है। ‘आयबीएलएफ’ आज बिजनेस लिटरेचर के लिए एक अच्छा प्लेटफार्म बना है। अनेको को लिखने, पढ़ने की प्रेरणा इस फेस्टिवल ने दी है।

‘टेडएक्स’ जैसा इस फेस्टिवल का स्वरूप होगा। हर लेखक को 18 मिनट बोलने का अवसर मिलेगा। वरिष्ठ शास्त्रज्ञ डॉ. रघुनाथ माशेलकर, नॅसकॉम के पूर्व अध्यक्ष किरण कर्णिक, ‘केपीआयटी’ के सहसंस्थापक रवी पंडित, आयसीएफएआय बिजनेस स्कुल की संचालिका प्रा. ज्योती टिळक, डॉ. शिरीष जोबले, लेखक आर. गोपालकृष्णन, किशोर चक्रवर्ती, जयराम ईश्वरन, अपर्णा राजे, अवार्ड विनिंग व्हायरल व्हिडीओ मार्केटर आशिष चोप्रा, टूलटेक ग्लोबल इंजिनिअरिंग के संस्थापक अतुल खन्ना, एस. पी. जैन इन्स्टिट्यूट ऑफ मॅनेजमेंट अँड रिसर्च के अधिष्ठाता डॉ. रंजन बॅनर्जी, उद्योजक डॉ. गणेश नटराजन, डॉ. बी. बी. अहुजा, लेखक-पत्रकार पवन लाल, जाहिरात दिग्दर्शक प्रल्हाद कक्कर, लेखक-संपादक शशांक शहा, मानसोपचारतज्ज्ञ सैलजा मनाचा, लेखक नरेंद्र गोईदानी, लेखक-वकील मुक्ता महाजनी जैसी महान हस्तिया इस फेस्टिवल में अपने विचार रखेगें”

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डॉ. बी. बी. अहुजा ने कहा कि “उद्योग विषयक लिटरेचर को बढ़ावा मिले, नयी पीढ़ी को उसमे इंट्रेस्ट पैदा हो इस लिए यह फेस्टिवल महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।  उद्योग क्षेत्र लेखन करने वाले इस लेखको को सुनने से छात्र भी आंत्रप्रेन्युअरशिप की तरफ जाने में मदत होती है।  यह फेस्टिवल सबके लिए विनामूल्य है।”

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