राजनीतिक इच्छाशक्ति दृढ़ होगी तो हो सकता है तीसरा सर्जिकल स्ट्राइक

सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल निंभोरकर ने कहा

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पुणे : एन पी न्यूज 24 – सेवानिवृत्त लेफ्टिनंट जनरल राजेंद्र निंभोरकर ने शुक्रवार को पुणे में कहा कि दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति से ही सर्जिकल स्ट्राइक जैसी मुहिमों को पूरा किया जा सकता है। आगामी समय में तीसरा भी सर्जिकल स्ट्राइक हो सकता है।

पुणे में सर्जिकल स्ट्राइक इस विषय पर आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि उरी हमले के बाद तत्कालीन संरक्षण मंत्री मनोहर पर्रीकर के साथ सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर चर्चा की और उसके बाद 29 सितंबर को सर्जिकल स्ट्राइक किया गया। उसके लिए हमें आधूनिक शस्त्राशस्त्र और साधन दिए गए थे। कार्रवाई के लिए पूरी तरह से आजादी दी गई थी। दृढ़ इच्छाशक्ति से ही इस प्रकार की मुहिमों को पूरा किया जा सकता है। अगर मनोहर पर्रीकर और चार से पांच साल रक्षा मंत्री होते तो देश के संरक्षण विभाग की परिस्थिति और भी मजबूत होती। मुंबई हमले के बाद पाकिस्तान पर कार्रवाई करने के लिए सेना दल तैयार था लेकिन उस समय राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में ऐसा नहीं हो सका।

धारा 370 हटाना जरूरी ही था

निंभोरकर ने कहा कि उस समय पंडित नेहरू को जम्मू तथा कश्मिर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में ले जाने की आवश्यकता नहीं थी। उसके बजाय अगर हमारे सैनिकों को और छह महिने भी दिए जाते तो उस समय ही हम कश्मिर हासिल कर सकते थे। पाकिस्तान की सभी अर्थनीति खेती पर चलती है और उनके देश में जानेवाली सभी नदियों का उगमस्थान कश्मिर में है इसलिए उन्हें कश्मिर की जरूरत है। कश्मिर से धारा 370 हटाने जरूरी था लेकिन उसके लिए हिम्मत तथा इच्छाशक्ति होनी चाहिए थी। वह इस सरकार ने साबित कर दिखाया है। पाकिस्तान अगर हम पर हमला बोल देता है तो उसका जवाब देने के लिए हम पूरी ताकत से तैयार है। यह बात उन्हें भी पता है इसलिए वे कुछ नहीं कर सकते। हमारी ताकत उनसे ज्यादा है यह उन्हें पता है।

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