मुंबई :एन पी न्यूज 24 – इंडियन रेलवे को भारत सरकार का सबसे बड़ा संपत्ति माना जाता है। रेलवे से जुड़े कई ऐसे बातें है जिनके बारे बेहद कम ही लोग जानते होंगे। जो काफी रोचक है। पहले और आज के ट्रेन में काफी फर्क आया है। 27 सितंबर 1825 को दुनिया में पहली बार लंदन के डार्लिंगटन से स्टॉकटोन के बीच रेलगाड़ी चली थी। 38 डिब्बों वाली इस रेलगाड़ी में लगभग 600 लोग सवार थे। भाप इंजन वाली इस रेलगाड़ी ने कुल 37 मील का सफर 14 मील प्रति घंटे की रफ्तार से किया था। इस बीच आज आपको ट्रेन के हॉर्न की कुछ रोचक बाते बताएँगे।
ट्रेन में सफर के दौरान हम कई बार ट्रेन से हॉर्न की आवाज सुनते है। लेकिंन इस दौरान ट्रेन कई अलग-अलग तरह के हॉर्न बजाते है। कभी आपने सोचा है आखिर क्यों होता है? बता देते हैं कि ट्रेन के इन हॉर्न का अलग अलग मतलब होता है।
एक छोटा हॉर्न – एक छोटा हॉर्न का मतलब है कि ट्रेन यार्ड में धुलाई और सफाई के लिए जाने को तैयार है।
दो छोटे हॉर्न – दो छोटे हॉर्न का मतलब ट्रेन चलने के लिए तैयार है और ड्राइवर ट्रेन के गार्ड से सिग्नल के लिए पूछ रहा है।
तीन छोटे हॉर्न – यह आपातकाल स्थिति में बजाया जाता है और इसका मतलब है कि मोटरमैन का इंजन से कंट्रोल खत्म हो गया है और गार्ड वैक्यूम ब्रेक को तुरंत खींचे। बता दें कि यह बहुत कम इस्तेमाल में लिया जाता है।
चार छोटे हॉर्न – इसका मतलब होता है कि ट्रेन में तकनीकी खराबी है और वो इससे आगे जाने की स्थिति में नहीं है।
एक लंबा और एक छोटा हॉर्न – इसका मतलब होता है कि मोटरमैन इंजन को शुरू करने से पहले गार्ड को ब्रेक पाइप सिस्टम सेट करने के लिए सिग्नल दे रहा है।
दो लंबे और दो छोटे हॉर्न – इसका मतलब होता है कि ट्रेन ड्राइवर इंजन का नियंत्रण लेने के लिए गार्ड को संकेत दे रहा है।
लगातार बजने वाला हॉर्न – अगर आपके सामने ये हॉर्न बजे तो आप समझ जाएं कि अभी यह ट्रेन स्टेशन पर नहीं रुकेगी। इससे पता चल जाता है कि ट्रेन स्टेशन पर नहीं रुकेगी।
दो बार रुक-रुक कर बजने वाला हॉर्न – ये हॉर्न किसी क्रॉसिंग के करीब आने पर बजाया जाता है ताकि कोई रेलवे क्रॉसिंग के आस-पास न आ सके।
दो लंबे और एक छोटा हॉर्न- इसका मतलब होता है कि ट्रेन ट्रैक बदल रही है।
दो छोटे और एक लंबा हॉर्न – ऐसा हॉर्न सिर्फ दो स्थितियों में ही बजता है। या तो किसी ने चेन पुलिंग की है या फिर गार्ड ने वैक्यूम प्रेशर ब्रेक लगाए हैं।
छह बार छोटे-छोटे हॉर्न – ऐसा हॉर्न तब बजाया जाता है जब ट्रेन के ड्राइवर को किसी खतरे का आभास होता है।