बैंगलोर : एन पी न्यूज 24 – भारत का महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2‘ के लैंडर ‘विक्रम’ का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। जिसके बाद से इसरो के वैज्ञानिक लगातार चांद के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर मौजूद चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर से संपर्क साधने में लगे हैं हालांकि, चांद की सतह पर विक्रम की लैंडिंग के बाद से अब तक 6 दिन बीत गए हैं लेकिन उससे संपर्क नहीं हो पाया है। अब इस अभियान में दुनिया का सबसे बड़ा स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन नासा भी जुट गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लैंडर विक्रम को नासा भी मैसेज भेज रहा है लैंडर विक्रम की तरफ से कोई जवाब नहीं मिल रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, नासा की जेट प्रॉपलशन लैबोरेट्री द्वारा लैंडर विक्रम से संपर्क साधने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी भेजी जा रही है। नासा ये काम डीप स्पेस नेटवर्क के जरिए कर रहा है। नासा ने रेडियो फ्रीक्वेंसी सिग्नल को रिकॉर्ड कर ट्वीटर पर भी साझा किया है।
#DSN 24 beams ~12KW of RF at the #Moon in hopes of stimulating #Chandrayaan2's lander #VikramLander into communicating with home. Here's a eerie recording of the searcher's signal reflected off the Moon and back to Earth via EME (Earth Moon Earth) on 2103.7MHz. pic.twitter.com/SgOtaIsSYh
— Scott Tilley 🇺🇦 (@coastal8049) September 10, 2019
चंद्रयान-3 में दोबारा भेजे जायेंगे विक्रम-प्रज्ञान
इसरो ने इस बात पर विचार करना शुरू कर दिया है कि अगर विक्रम लैंडर से संपर्क नहीं हुआ तो वे विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर का अपग्रेडेड यानी आधुनिक वर्जन को चंद्रयान-3 में भेजेंगे। चंद्रयान-3 में जाने वाले लैंडर और रोवर में ज्यादा बेहतरीन सेंसर्स, ताकतवर कैमरे, अत्याधुनिक नियंत्रण प्रणाली और ज्यादा ताकतवर संचार प्रणाली लगाई जाएगी। इसके अलावा चंद्रयान-3 के सभी हिस्सों में बैकअप संचार प्रणाली भी लगाई जा सकता है ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी होने पर बैकअप संचार प्रणाली का उपयोग किया जा सके।
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