मसूद अजहर की लंबी बीमारी के चलते, भाई अब्दुल रऊफ असगर के हाथों में है जैश की कमान  

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नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 – काफी दिनों से खबरें आ रही हैं कि जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक मसूद अजहर की तबियत नासाज है, जिसके कारण वह इधर-उधर जाने तथा संगठन के मामलों में अपनी सक्रिय भूमिका नहीं निभा पा रहा है. इसलिए उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर ने आतंकी संगठन की कमान अपने हाथों में संभाल रखी है. हाल ही में देश की शीर्ष खुफिया एजेंसी के हवाले से यह खुलासा किया गया है.

अब खुफिया तंत्रों से खबर आ रही है कि अजहर गुर्दे के फेलियर से पीड़ित है और ज्यादातर समय अपने क्वार्टर में ही आराम करता है.

वैश्विक आतंकवादी’ घोषित
उल्लेखनीय है कि हैं कि अजहर को यूनाइटेड नेशन द्वारा एक ‘वैश्विक आतंकवादी’ के रूप में नामित किया गया है. साथ ही भारत ने भी गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम के तहत अजहर को  ‘व्यक्तिगत आतंकवादी’ के रूप में प्रतिबंधित कर दिया गया है.

जैश के बहावलपुर कैंप को बना रखा है अपना ठिकाना!
सूत्रों का कहना है कि, वह वर्तमान में वह जैश के बहावलपुर स्थित दो प्रमुख ठिकानों- मरकज़ उस्मान-ओ-अली या मरकज़ सुभान अल्लाह में से किसी एक जगह पर है.

निभाता है मोटिवेटर की भूमिका
सूत्रों ने बताया कि, अजहर कभी भी ऑपरेशन मैन नहीं था अर्थात खुद किसी आतंकी घटना को अंजाम नहीं देता था, बल्कि वह एक मोटिवेटर की भूमिका निभाता है. यानि अजहर धर्म के नाम पर उपदेश देकर युवकों की “जिहादी” के रूप में भर्ती करता है और फिर उनको फिदायीन बना दिया जाता है.

अजहर का भाई कर रहा है आतंकी प्लानिंग का क्रियान्वयन
हालाँकि उसके रिकार्डेड उपदेशों से अभी भी नौजवानों को धर्म के नाम पर गुमराह किया जा रहा है. वहीं उसका भाई अब्दुल रऊफ असगर आतंकी गतिविधियों की प्लानिंग और क्रियान्वयन का जिम्मा संभाल रहा है. बता दें कि अब्दुल रऊफ असगर वहीं है, जिसने अपने भाई मसूद अजहर को छुड़ाने के लिए  IC-814 विमान अपहरण में अहम भूमिका निभाई थी.

 अब्दुल रऊफ असगर बनेगा अजहर का उत्तराधिकारी !

चर्चा है कि अब्दुल रऊफ असगर को मसूद का उत्तराधिकारी समझा जा रहा है, क्योंकि उसने भारत में कई आतंकी गतिविधियों को करने में अहम भूमिका निभाई है, जिसमें जनवरी 2016 का पठानकोट एयरबेस व नवंबर 2016 में नगरोटा आर्मी कैंप पर हमला प्रमुख है.

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