हेमामालिनी के गंगा बैले नृत्याविष्कार से नदी संवर्धन का संदेश

पुणे फेस्टिवल में किया प्रस्तूतीकरण

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पुणे : एन पी न्यूज 24 – बहुचर्चित अभिनेत्री हेमामालिनी ने पुणे फेस्टिवल में नृत्य के माध्यम से गंगा नदी के प्रकट की पौराणिक कथा प्रस्तूत की। साथ वर्तमान में सभी नदियों का रक्षण तथा संवर्धन करने का संदेश भी दिया।

प्रति वर्ष गणेशोत्सव के दौरान पुणे में पुणे फेस्टिवल आयोजित किया जाता है जिसमें नृत्य, संगीत, गायन, सांस्कृतिक, साहित्यिक, क्रीड़ा इन क्षेत्रों से संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। हेमामालिनी हर वर्ष पुणे फेस्टिवल में नृत्य प्रस्तूत करती हैं। इस वर्ष भी अपनी परंपरा अखंडित रखते हुए हेमामालिनी ने गंगा बैले यह नृत्याविष्कार प्रस्तूत किया। यह उनका 28 वां वर्ष था। उनके नाट्यविहार कला केन्द्र द्वारा इस नृत्य बैले की निर्मिति की गई थी। नृत्य में गंगा के रूप में हेमामालिनी 10 फीट ऊंचाई के झूले से मंच पर आगमन करती हैं ऐसा दिखाया गया था। इस बैले को दर्शकों की काफी दाद मिली। नृत्य के दौरान गंगा के प्रकट से लेकर वह पृथ्वी पर आने तक की सारी पौराणिक कथा प्रस्तूत की गई। साथ ही गंगा का अलग अलग युगों में होनेवाला अस्तित्व भी बयां किया गया। हेमामालिनी का यह बैले देखने के लिए दर्शकों ने काफी भीड़ की थी।

पुणे फेस्टिवल के अध्यक्ष सुरशे कलमाड़ी के हाथों हेमामालिनी और उनके सहकलाकारों का सम्मान किया गया। इस समय डॉ. सतीश देसाई, मीरा कलमाड़ी, फेस्टिवल के उपाध्यक्ष कृष्णकुमार गोयल उपस्थित थे।

 

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