दो बार मियाद बढ़ने के बाद भी पूरा नहीं हुआ नाट्यगृह

तीन साल में 60 करोड़ रुपए तक बढ़ गई लागत

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पिंपरी: समाचार ऑनलाइन – शहरवासियों की सांस्कृतिक भूख को मिटाने और अन्य इलाकों की तरह प्राधिकरण जैसे संभ्रांत इलाके में भी नाट्यगृह की कमी को पूरा करने के लिए एक भव्य नाट्यगृह बनाया जा रहा है। आकुर्डी प्राधिकरण में पांच साल पहले शुरू किए इसके काम को दो बार मियाद बढाने के बाद भी पूरा नहीं किया जा सका। बजाय ठेकेदार के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के ठेकेदार को खर्च बढ़ाकर मेहरबानी की जा रही है। पिंपरी चिंचवड़ मनपा के इस नाट्यगृह की लागत अब 60 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है।
2014 में मनपा द्वारा प्राधिकरण के पेठ क्रमांक 26 में नाट्यगृह बनाने के लिए टेंडर जारी किया था। पांच हजार वर्ग मीटर क्षेत्र पर इसके निर्माण की लागय 37 करोड़ 25 लाख रूपये तय की गई  तीन साल में यानी 2017 में इसका निर्माण कार्य पूरा होना था। इसके लिए ठेकेदार कंपनीं को 11 जनवरी 2014 को वर्क ऑर्डर दिया गया। तय मियाद में इसका निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका, जबकि इसकी मियाद दो बार बढ़ाकर भी दी गई। पांच साल बाद भी इसका निर्माण पूरा नहीं हुआ उल्टा इसकी लागत बढ़ गई।
हालिया स्थायी समिति ने नाट्यगृह के बचे हुए कामों को पूरा करने के लिए ठेकेदार कंपनी को 23 करोड़ 58 लाख रुपए के खर्च को मंजूरी दी गई। निर्धारित समय पर काम पूरा न करने को लेकर ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई या जुर्माना नहीं लिया गया। इस नाट्यगृह की विशेषता यह है कि इसे प्रख्यात मराठी साहित्यिकार व नाटककार स्व. ग. दि. माडगूळकर उर्फ ‘गदिमा’ का नाम दिया गया है। सर्वसाधारण सभा में इसका प्रस्ताव पहले ही पारित किया गया है। गदिमा के नाम से समस्त पुणे जिले में यह पहली वास्तु साबित होगी।
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