रूसी निवेशकों की लद्दाख सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट में दिलचस्पी : इंवेस्ट इंडिया

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व्लादिवोस्तोक (रूस) : एन पी न्यूज 24 –   भारत में व्यापारिक अवसर तलाशते हुए रूसी निवेशकों ने लद्दाख में सौर ऊर्जा कार्यक्रम में रुचि दिखाई है। लद्दाख हाल ही में केंद्र शासित प्रदेश बना है और यहां इस क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं।

उन्होंने अपनी रुचि के बारे में भारत की नेशनल इनवेस्टमेंट प्रमोशन एंड फेसिलिटेशन एजेंसी-इंवेस्ट इंडिया को अवगत कराया। यह एजेंसी निवेशकों की भारत में अवसर और विकल्प तलाशने में मदद करती है।

इनवेस्ट इंडिया ने यहां पांचवें ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (ईईएफ) में एक पवेलियन बनाया था जहां गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे।

इंवेस्ट इंडिया के अधिकारियों का काम भारत में व्यापारिक अवसरों और संभावनाओं तथा भारत में व्यापार के लिए जरूरी दिशा-निर्देश के बारे में जानकारी देना है। अधिकारी ने संभावित निवेशकों को भारत में कर नीति और अन्य संबंधित जानकारियां दीं।

इंवेस्ट इंडिया की उपाध्यक्ष मधुमिता रामनाथन ने पवेलियन में आईएएनएस से कहा, “हम यहां यह बताने आए हैं कि भारत में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (व्यापार करने में आसानी) कैसे बेहतर हुई है और कैसे नीतियां बदल गई हैं। भारत सरकार ने पिछले छह सालों में लगभग 14,000 नीतियों की समीक्षा की है। यह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सहायता करने के लिए है।”

उन्होंने कहा, “हम निवेशकों को अवसर दिखा रहे हैं। हम तेजी से आगे बढ़ने वाली और दुनिया के दूसरे सबसे बड़े स्टार्ट-अप अर्थव्यवस्था तंत्र हैं।”

उन्होंने कहा कि इस समय भारत दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे ज्यादा खुली अर्थव्यवस्था है।

उन्होंने कहा, “यहां हम रूसियों को इसके बारे में बताने आए हैं तथा और निवेश आकृषित करने आए हैं। हम रूसी निवेशकों को भारत में सभी क्षेत्रों में निवेश की संभावनाएं को दिखाएंगे।”

पांच साल से आयोजित हो रहे ईईएफ में इंवेस्ट इंडिया पवेलियन लगाता रहा है।

रामनाथन ने कहा, “हम भारत में स्टार्ट-अप्स के लिए यहां और बड़े पूंजीपतियों और निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं। रोचक बात ये है कि कई रूसी निवेशक फ्लिपकार्ट और ओला में निवेश कर अरबपति बन गए हैं।”

उन्होंने कहा, “पिछले तीन सालों में हमें 47 व्यापारिक रिक्वेस्ट मिली हैं। शुरुआत में यह जी-टू-जी (सरकार से सरकार) था, लेकिन अब यह रूस से भारत में और ज्यादा एफडीआई ला रहा है।”

उन्होंने कहा, “हमने भारत में स्टार्ट-अप करने में कई रूसी उद्योगपतियों की रुचि देखी है।”

उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप में रूसी निवेशकों की सहायता करने के लिए इंवेस्ट इंडिया की दिल्ली में एक पांच-सदस्यीय डेस्क है।

उन्होंने कहा कि रूसी उद्योगपतियों ने सबसे ज्यादा ऊर्जा, तेल और गैस और अब अक्षय ऊर्जा में रुचि दिखाई है। उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण, ऑटोमोबाइल (छोटी मशीनरी का निर्माण) और पूंजीगत वस्तुओं में भी रुचि दिखाई है।

इंवेस्ट इंडिया की शीर्ष अधिकारी ने कहा, “रूसी उद्योगपतियों ने सौर ऊर्जा में रुचि दिखाई है। उन्होंने लद्दाख परियोजना में दिलचस्पी दिखाई है। वे ऊर्जा क्षेत्र में और विकल्पों की तलाश कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि सन ग्रुप और टाटा पॉवर जैसी भारतीय कंपनियां पहले से ही वहां हैं और रूसी उद्योगपति इस क्षेत्र में साझेदारी की संभावना तलाशने के लिए और तालमेल तलाश रहे हैं।

मोदी सरकार ने अक्षय ऊर्जा पर बहुत जोर दिया है और 2022 तक 175 गीगाबाइट अक्षय ऊर्जा उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है।

इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर रामनाथन ने कहा, “हम इसमें काफी संभावनाएं देखते हैं। रूसी इनमें विशेषज्ञ होते हैं।”

उन्होंने कहा कि उन्हें बंदरगाहों और जहाजों में भी काफी संभावनाएं दिखी हैं।

उन्होंने कहा, “रेलवे में भी निवेश की अच्छी संभावनाएं हैं। हमने रूस से रेलवे में भी निवेश करने की रुचि देखी हैं।”

इनवेस्ट इंडिया की उपाध्यक्ष ने कहा कि रशियन फार ईस्ट (रूस का सुदूर पूर्व) मत्स्य पालन में भी काफी अनुभवी है।

उन्होंने कहा, “यहां, विशेष कर फार ईस्ट में मत्स्य पालन संबंधी काफी काम होते हैं। भारत में हमारे पास लगभग 7,000 किलोमीटर का काफी लंबा समुद्र तट है। हम इस क्षेत्र में भारत और रूस के बीच तालमेल की संभावना देख रहे हैं। इस क्षेत्र में काफी बड़ी संख्या में निवेश और व्यापार किया जा सकता है। हमें इस क्षेत्र में काफी उम्मीद है।”

उन्होंने कहा कि रूसी लोग कोल्ड चैन लॉजिस्टिक्स में भी काफी कुशल होते हैं और भारत इसे भी विकसित करने के बारे में सोच रहा है।

उन्होंने कहा, “हम इस क्षेत्र में भी निवेश की संभावनाएं तलाश रहे हैं।”

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