PNB बनने जा रहा है, देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक, कस्टमर को करने होंगे ‘ये’ 6 जरूरी काम

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SBI है देश का सबसे बड़ा बैंक

एन पी न्यूज 24 – पिछले एक वर्ष से बैंको के आपस में विलय होने की प्रक्रिया चल रही है. इसी के चलते देश में एक साल के अंदर मर्जर के बाद सरकारी बैंको की संख्या 27 से घटकर केवल 12 ही रह गई है. इस सन्दर्भ में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी पिछले हफ्ते ही सरकारी बैंकों के मर्जर या विलय के नए प्लान की घोषणा की थी.

इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक(PNB) में ओरिएंटल बैंक ऑफ़ कॉमर्स (OBC) औऱ युनाइटेड बैंक ऑफ़ इंडिया(UBI) के मर्जर को PNB बोर्ड की ओर से हरी झंडी मिल गई है. फलस्वरूप इन तीनो बैंको के आपस में विलय का रास्ता साफ हो गया है. वही इस मर्जर के बाद PNB देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बनने जा रहा है. बता दें कि SBI देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है.

हालांकि बैंको के आपस में होने वाले इस विलय के बाद ग्राहकों को कुछ समय के लिए असुविधा भी उठानी पड़ेगी.

बैंको के आपसी मर्जर से ‘ये’ होंगे बदलाव …

(1) अकाउंट नंबर और इंटरनेट कस्टमर ID में बदलाव की संभावना- PNB में अन्य दो बैंकों की विलय प्रक्रियां के पश्चात् कस्टमर को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर ID दिया जा सकता है. इसीलिए ईमेल अड्रेस और मोबाइल नंबर बैंक के पास अपडेटेड होना जरूरी है, ताकि बैंक द्वारा किए गये चेंजेस की  जानकारी आपके फोन नंबर और ई-मेल आईडी पर आ सके.

(2)  लेनी पड़ सकती है दूसरी चेकबुक – जो कस्टमर OBC या फिर युनाइटेड बैंक के हैं, उन्हें दूसरी पासबुक इशू की जा सकती है. PNB ग्राहकों पर इसका कोई असर नहीं होगा.

3)  इन ज्ररूरी जगहों पर भी अपडेट करनी होगी जानकारी– जिन ग्राहकों को नए अकाउंट नंबर या IFSC कोड अलॉट किए जाएंगे. उन्हें इन सभी डीटेल्स को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, इंश्योरेंस कंपनियां, म्यूचुअल फंड और नैशनल पेंशन सिस्टम (NPS) इत्यादि जगह पर अपडेट कराना ज़रूरी इ

(4) नई ECS, SIP के लिए उठाने होंगे कदम- बैंकों के मर्जर के बाद कस्टमर को ECS में जरूरी बदलाव करवाने होंगे. इंश्योरेंस कंपनी से नए ECS निर्देश जारी करवाना होगा. निर्देशानुसार ECS से जुड़ा फॉर्म ऑनलाइन या आपकी ब्रांच के जरिए ही भरना पड़ सकता है. इसके अलावा ऑटो डेबिट या सिस्टेमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के लिए आपको नया SIP रजिस्ट्रेशन और इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है.

(5 ब्रांच का बदल सकता है पता- मर्जर के बाद नया बैंक अपनी कुछ ब्रांच को बंद या शिफ्ट कर सकता है. इसलिए आपकी ब्रांच का पता बदल सकता है.

(6) डिपॉजिट, लेंडिंग रेट में नहीं होंगे चेंजेस- बैंक की ओर से ऑफर किया जाने वाला फिक्स्ड डिपॉजिट रेट लागू होगा. हालांकि, मौजूदा फिक्स्ड डिपॉजिट पर मैच्योरिटी तक पहले से तय इंट्रेस्ट मिलेगा. इसी तरह लोन पर इंटरेस्ट रेट भी वास्तविक अग्रीमेंट के अनुसार जारी रहेगी. होम लोन के लिए मौजूदा इंट्रेस्ट रेट भी जस-का-तस रह सकता है.

बता दें कि PNB ने दी मर्जर की संबंधी जानकारी शेयर बाजार को दी है. गुरूवार को आयोजित बैंक के निदेशक मंडल की बैठक में मर्जर को स्वीकृति दी गई.

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