आज ‘इतिहास’ रचेगा भारत, चांद पर उतरेगा चंद्रयान-2, इसरो में मौजूद रहेंगे पीएम मोदी

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नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 – पृथ्वी से 22 जुलाई को निकला चंद्रयान 2 आज रात चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। चंद्रयान-2 के लैंडिंग के लिए लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। चांद पर जाने का कारनामा अब तक रूस, अमेरिका और चीन ने कर दिखाया है। अब भारत की बारी है। भारत ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। सबसे रोचक और रोमांचक चंद्रमा की सतह पर उतरने से पहले के 30 मिनट होंगे, जिसमें हर मिनट उसके लिए एक परीक्षा होगा। इसरो ने इसे मिशन का सबसे चुनौतीपूर्ण काम माना जा रहा है।

आज चांद पर उतरेगा चंद्रयान 2 –
विक्रम लैंडर शनिवार तड़के एक से दो बजे के बीच चांद पर उतरने के लिए नीचे की ओर चलना शुरू करेगा और रात डेढ़ से ढाई बजे के बीच यह पृथ्वी के उपग्रह के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस लम्हे को देखने के लिए इसरो के बेंगलुरु केंद्र में मौजूद रहेंगे। उनके साथ 60-70 स्कूली बच्चे भी होंगे।

 

नेशल ज्योग्राफिक करेगा लाइव प्रसारण –
नेशनल ज्योग्राफिक ने मंगलवार को घोषणा की है कि यह अपने दर्शकों को जीवन में सिर्फ एक बार होने वाला ऐतिहासिक अनुभव चंद्रयान-2 की लैंडिंग का एक्सक्लूसिव लाइव प्रसारण करके दिखाएगा। इस शो का प्रसारण 6 सितंबर, 2019 को नेशनल ज्योग्राफिक चैनल और हॉटस्टार पर रात साढ़े 11 बजे से किया जाएगा। इसे हॉटस्टार यूजर देख सकते हैं।

लैडिंंग के दौरान इन खतरों से गुजरेगा चंद्रयान-2 –
गुरुत्वाकर्षण और तनाव –
चंद्रमा पर उतरते समय उसके गुरुत्वाकर्षण से संतुलन बनाए रखना और दबाव से गुजरना विक्रम के लिए मुश्किल होगा।

गड्ढों के बीच लैंडिंग – करोड़ों वर्षों के दौरान चंद्रमा की सतह पर अंतरिक्ष पिंड टकराने से लेकर इसकी अपनी भूगर्भीय हलचलों जैसी वजहों से क्रेटर यानी गड्ढे बनते रहे हैं। चंद्रयान-2 की लैंडिंग के लिए 15 गुणा 8 किमी का दीर्घवृत निर्धारित किया गया है। इस छोटे से क्षेत्र में 23,605 गड्ढे हैं। विक्रम उतारने के लिए बेहद सटीक योजना बनाई गई है। जरा सी चूक पूरे मिशन को खतरे में डाल सकती है।

अपने पांवों पर लैंडिंग – चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए विक्रम को पूरी तरह समतल सतह देना संभव नहीं था। ऐसे में अपने चार पैरों के बल पर उतरना भी चुनौतीपूर्ण है। लेकिन इन्हीं पैरों में लगे शॉक-अब्जॉबर्स उसे इन झटकों से बचाने के लिए लगाए गए हैं।

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