नई दिल्ली : एन पी न्यूज 24 – टीम इंडिया के क्रिकेटर हनुमा विहारी इन दिनों सुर्खियों में बने हुए है। हालही में उन्होंने वेस्टइंडीज़ दौरे पर शानदार बैटिंग की थी। जिसके बाद हर तरफ उनकी चर्चा हो रही है। इस बीच हनुमा ने एक अपनी सफलता का राज खोला है। उन्होंने बताया कि ‘बेशक मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं लेकिन मैं स्पष्ट सोच के साथ इस दौरे पर गया था। मैंने मैच दर मैच रणनीति बनाई और हर मैच को अपने आखिरी मैच की तरह खेला। इससे मुझे इस सोच के साथ उतरने में मदद मिली कि मेरे पास खोने के लिये कुछ नहीं है।’
आंध्र के इस 25 वर्षीय बल्लेबाज ने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में 2-0 से मिली जीत में 291 रन बनाकर रोहित शर्मा की जगह अंतिम एकादश में उन्हें उतारने के टीम प्रबंधन के फैसले को सही साबित कर दिया। विहारी ने अपने इंटरव्यू में कहा कि ‘यदि चेंज रूम में सबको आप पर इतना भरोसा है तो और क्या चाहिये। यह सबसे बढ़िया तारीफ है और खुद कप्तान ने की है तो मुझे और क्या चाहिये।’ बता दें कि कप्तान विराट कोहली ने हाल ही में कहा था कि विहारी बल्लेबाजी करता है तो ड्रेसिंग रूम में सुकून का माहौल रहता है। उन्होंने विहारी को वेस्टइंडीज दौरे की खोज भी बताया। विहारी में छह टेस्ट में एक शतक और तीन अर्धशतक समेत 456 रन बनाये है।
12 साल में ही खो दिया अपने पिता को –
विहारी ने बताया कि ‘मैं 12 बरस का ही था और मेरी बहन 14 बरस की जब मेरे पिता का देहांत हो गया। मेरी मां विजयलक्ष्मी गृहिणी हैं। वह काफी कठिन दिन थे।’ उन्होंने कहा, ‘मेरी मां ने पिता की पेंशन पर मेरा घर चलाया। उन्होंने मुझे अपने सपने पूरे करने की सहूलियत दी और कभी हमें महसूस नहीं होने दिया कि हम अभाव में हैं। मुझे आज भी समझ में नहीं आता कि उन्होंने यह सब कैसे किया।’ उन्होंने कहा, ‘अब मैंने हैदराबाद में घर बना लिया है। मैं अपनी मां को आराम देना चाहता हूं।’